Ghaziabad News : नई होटल नीति में बदलाव से गाजियाबाद होटल इंडस्ट्री को लगेगे पंख

UPT | उत्तर प्रदेश में लागू होगी नई होटल नीति

Jun 26, 2024 09:07

गाजियाबाद में आवासीय क्षेत्र में 6 कमरों से लेकर 20 कमरों तक के होटल कम से कम जगह में भी बन सकेंगे। इसके लिए न्यूनतम भूमि और सड़कों की चौड़ाई के मानक बदले जाएंगे। इससे संबंधित नियमावली में बदलाव के निर्देश होटल उद्योग को लाभ मिलेगा।

Short Highlights
  • सीएम योगी ने होटल नियमावली में बदलाव के दिए निर्देश
  • आवासीय क्षेत्र में छह कमरों से लेकर 20 कमरों के होटल
  • गाजियाबाद को बोला जाता उत्तर प्रदेश का प्रवेश द्वार
     
Ghaziabad News : प्रदेश में नई होटल नीति में बदलाव से गाजियाबाद की होटल इंडस्ट्री को पंख लगेंगे। गाजियाबाद प्रवेश का प्रवेश द्वार कहा जाता है। यूपी के इस प्रवेश द्वार जिले में होटल उद्योग की काफी संभावनाएं हैं। होटल नीति में बदलाव से छोटे होटलों को लाभ मिलेगा। वहीं गाजियाबाद में आवासीय क्षेत्र में 6 कमरों से लेकर 20 कमरों तक के होटल कम से कम जगह में भी बन सकेंगे। इसके लिए न्यूनतम भूमि और सड़कों की चौड़ाई के मानक बदले जाएंगे। इससे संबंधित नियमावली में बदलाव के निर्देश होटल उद्योग को लाभ मिलेगा।

होटल बायलॉज में बदलाव किया जाएगा
व्यापार और उद्योग में हो रहे विकास को देखकर सकारात्मक परिस्थितियों के चलते गाजियाबाद में बड़ी संख्या में होटलों की जरूरत है। ऐसे में इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए बिल्डिंग बाइलाज में बदलाव की जरूरत है। जिसके लिए अब होटल बायलॉज में बदलाव किया जाएगा। जिसके तहत आवासीय क्षेत्र में 20 कमरों तक के होटल निर्माण के लिए न्यूनतम जमीन और होटल तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई की न्यूनतम सीमा के नियम बदले जाएंगे। इसी के साथ पार्किंग, सिक्योरिटी और फायर सेफ्टी मानकों का सख्ती से अनुपालन कराया जाए।

छोटे होटलों को बड़ी राहत- ये बदलाव
अभी होटल के लिए न्यूनतम 1000 वर्गमीटर जमीन का नियम है। अब 6 से 20 कमरों तक के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल की बाध्यता नहीं होगी। 20 से ज्यादा कमरों के होटल के लिए 500 वर्गमीटर जमीन ही चाहिए होगी। किसी अन्य व्यावसायिक उपयोग की इमारत को होटल में तब्दील करने पर परिवर्तन शुल्क नहीं देना होगा। अभी न्यूनतम 12 मीटर और 18 मीटर चौड़ी सड़क पर होटल का प्रावधान है।

20 कमरे तक के होटल 9 मीटर चौड़ी सड़क पर भी बन सकेंगे
20 कमरे तक के होटल 9 मीटर चौड़ी सड़क पर भी बन सकेंगे। 20 से अधिक कमरों के होटल 12 मीटर चौड़ी सड़क पर बन सकेंगे। अभी एफएआर अधिकतम 2.5 मीटर तक है। इसे बढ़ाकर अलग-अलग होटल के लिए अधिकतम 5 मीटर करने की तैयारी। 12.5 मीटर ऊंचाई वाली बिल्डिंग के सेटबैक मानकों को 15 मीटर ऊंची बिल्डिगों पर लागू किया जाएगा। 4000 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों के होटल का 20 फीसदी एफएआर का इस्तेमाल आफिस व रिटेल शोरूम के लिए किया जा सकेगा। 20 फीसदी एफएआर का इस्तेमाल सर्विस अपार्टमेंट्स में किया जा सकेगा।

क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी
होटलों के बदले नियमों के बारे में जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस बारे में अभी किसी प्रकार का कोई आदेश शासन से नहीं आया है। लखनऊ में हुई बैठक में मुख्यमंत्री महोदय ने इस पर चर्चा कर होटल नीति में बदलाव की बात कही है। शासन से निर्देश आने पर ही इस पर आगे कुछ कहा जा सकता है।

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