EVM and VVPAT : सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट तकनीकी पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगा, ईसीआई अधिकारी दोपहर 2 बजे जवाब देंगे

UPT | सुप्रीम कोर्ट में वीवीपैट मामले पर सुनवाई

Apr 24, 2024 13:54

सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट मामले पर सुनवाई करते हुए बुधवार दोपहर को चुनाव आयोग के अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने उनसे कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है।

New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार दोपहर 2 बजे चुनाव आयोग के अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने EVM-VVPAT सत्यापन मुद्दे पर चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही चुनाव आयोग को दोपहर 2 बजे अपने अधिकारी को कोर्ट में पेश करने को कहा है। कोर्ट ने उनसे कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है क्योंकि EVM से जुड़े सवालों पर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए जवाबों को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है।

याचिकाकर्ता की दलील -मशीनों से छेड़छाड़ की जा सकती है
बता दें, ईवीएम और वीवीपैट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि ईवीएम और वीवीपैट में लगी चिप को प्रोग्राम किया जा सकता है और मशीनों से छेड़छाड़ की जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय चुनाव आयोग से यह स्पष्ट करने को कहा कि माइक्रोकंट्रोलर कंट्रोलिंग यूनिट में स्थापित है या VVPAT(वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) में। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह पुष्टि करने की मांग की कि क्या चुनाव प्रक्रिया में इस्तेमाल किया जाने वाला माइक्रोकंट्रोलर 'एक बार प्रोग्राम करने योग्य' है या नहीं। पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल थे।
 
कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था फैसला
इस मामले में दायर याचिका में 100 फीसदी वीवीपैट सत्यापन की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामले की सुनवाई की थी। शीर्ष अदालत ने पिछले हफ्ते (18 अप्रैल ) जनहित याचिकाओं (PILs) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों के साथ EVM में डाले गए वोटों के अनिवार्य क्रॉस-सत्यापन की मांग की गई थी। 

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 6 अप्रैल को भी सुनवाई हो चुकी है। याचिकाकर्ता की दलील की थी मशीनों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। वीवीपैट और ईवीएम में लगे चिप को प्रोग्राम किया जा सकता है। 

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