प्रयागराज में नवविवाहित जोड़े का दुखद अंत : फांसी लगाकर समाप्त की जीवन लीला, एक ही साड़ी के फंदे से पंखे से लटके मिले

फ़ाइल फोटो | रविंद्र और नेहा

Aug 22, 2024 02:44

हंडिया थाना क्षेत्र के मुंगराव गांव में नव विवाहित दंपती ने फांसी लगाकर जान दे दी। मामले की पुलिस को जानकारी दिए बिना ही दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान मायका पक्ष के लोग भी मौजूद रहे।

Short Highlights
  • रविंद्र वाराणसी में प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता था, रक्षाबंधन की छुट्टी पर आया था घर
  • रात में दोनों ने सावन की पूजा की फिर खाना खाकर सोने चले गए, सुबह दोनों एक ही साड़ी से लटके मिले 
Prayagraj News : प्रयागराज के हंडिया थाना क्षेत्र के मुंगराव गांव में एक हृदयविदारक घटना घटी, जहां एक नवविवाहित जोड़े ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी पुलिस को न देकर, परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया।

मुंगराव गांव के रहने वाले 26 वर्षीय रविंद्र सिंह उर्फ विपिन, जो जगत बहादुर सिंह के पुत्र थे, की शादी लगभग एक साल पहले नेहा सिंह से हुई थी। नेहा 23 वर्ष की थीं और भद्दर सिंह की पुत्री थीं, जो रैपुरा तनरिया गांव की रहने वाली थीं। इस विवाह को एक साल भी पूरा नहीं हुआ था कि यह दुखद घटना सामने आई।

रक्षाबंधन के बाद बढ़ी खुशियों में छिपी थी उदासी 
रविंद्र सिंह वाराणसी में एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी में कार्यरत थे। रक्षाबंधन के पर्व को मनाने के लिए वे रविवार को अपने गांव लौटे थे। नेहा के भाई भी राखी बांधने के लिए मुंगराव आए थे। इस पावन पर्व को दोनों ने बहुत धूमधाम से मनाया। रविंद्र अपनी शादीशुदा बहनों से राखी बंधवाने के लिए भी उनके ससुराल गए थे। जब वे शाम को घर लौटे, तो सावन का अंतिम सोमवार होने के कारण नेहा और रविंद्र ने भगवान शिव की पूजा एक साथ की। पूजा के बाद, उन्होंने भोजन किया और सोने चले गए।

सुबह का मंजर: मां ने खोला दरवाजा और सामने था दुखद दृश्य 
अगले दिन सुबह, जब दोनों देर तक नहीं जागे, तो रविंद्र की मां श्यामा देवी ने कमरे का दरवाजा खोला। जो दृश्य उन्होंने देखा, वह किसी भी मां के लिए सबसे बड़ा दुःस्वप्न था। दोनों के शव एक ही साड़ी से पंखे से लटके हुए थे। इस दृश्य ने वृद्ध माता-पिता को हिलाकर रख दिया। जल्द ही गांव के लोग भी वहां पहुंचे और सूचना पाकर नेहा के मायके वाले भी आ गए। दोनों परिवारों की सहमति से दोनों के शवों का अंतिम संस्कार स्थानीय गंगा घाट पर कर दिया गया, बिना पुलिस को जानकारी दिए। 

संपन्न परिवार से थे रविंद्र : असामान्य घटना से गांव में शोक की लहर
रविंद्र का एक छोटा भाई भी है, अंकित सिंह, जो मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। इस घटना ने गांव के लोगों को भी हिला कर रख दिया है। गांव के लोगों का कहना है कि रविंद्र बहुत ही मिलनसार और मृदुभाषी व्यक्ति थे। उनके इस चरम कदम को उठाने पर गांव वाले भी आश्चर्यचकित हैं। रविंद्र का परिवार आर्थिक रूप से संपन्न था, और घर में किसी भी चीज़ की कोई कमी नहीं थी। ऐसे में इस घटना का कोई स्पष्ट कारण नहीं दिखाई दे रहा है, जिससे यह और भी रहस्यमयी हो जाती है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर फैला दी है, और हर कोई यह सोचने पर मजबूर है कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा, जो इस नवविवाहित जोड़े को अपनी जान देने पर मजबूर कर दिया। 

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