मुजफ्फरनगर में हार का कारण जानने पहुंची बीजेपी : क्यों नहीं जीत पाए संजीव बालियान? प्रदेश उपाध्यक्ष को पदाधिकारियों ने बताई ये वजह...

UPT | संजीव बालियान

Jun 20, 2024 13:29

पदाधिकारियों ने मुजफ्फरनगर में उम्मीदवारों को लेकर सकारात्मक राय दी लेकिन जिलाध्यक्ष पर कई आरोप लगा दिए। कुछ ने कहा इस बार चुनाव जातियों में बंटा होने के चलते बीजेपी को हार मिली है।

Muzaffarnagar News : बीजेपी के बड़े नेताओं के निर्देश पर पार्टी की समीक्षा करने के लिए एमएलसी धर्मेंद्र सिंह मुजफ्फरनगर पहुंचे। जहां पदाधिकारियों ने मुजफ्फरनगर में उम्मीदवारों को लेकर सकारात्मक राय दी लेकिन जिलाध्यक्ष पर कई आरोप लगा दिए। कुछ ने कहा इस बार चुनाव जातियों में बंटा होने के चलते बीजेपी को हार मिली है। इसके साथ ही राजपूत बिरादरी की नाराजगी को भी हार के प्रमुख कारणों में से एक माना गया।

बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष ने ली हार की समीक्षा
लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर मिली हार की समीक्षा करने के लिए एमएलसी धर्मेंद्र सिंह मंगलवार को जनपद में पहुंचे। पीडब्ल्यूडी के डाक बंगले पर पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह नगर पंचायत जानसठ कार्यालय में खतौली और मीरापुर विधानसभा सीट की समीक्षा की। बता दें कि मुजफ्फरनगर सीट पर मिली हार की भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी धर्मेंद्र सिंह तथा ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष आलोक गुप्ता ने समीक्षा की है। 



जिलाध्यक्ष के ठहराया जिम्मेदार
बता दें कि बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष के सामने पूर्व विधायक विक्रम सैनी ने जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी को संजीव बालियान की हार का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, जिलाध्यक्ष संगठन को साथ लेकर नहीं चले। जिसके चलते बीजेपी का झंडा उठाने वाले घर बैठ गए। जनपद में पार्टी की एकता न होने के चलते पार्टी चुनाव हारी है। 

समीक्षा में पदाधिकारियों ने कही ये बात
वहीं, मुजफ्फरनगर में हुई समीक्षा में प्रत्याशी को लेकर पदाधिकारियों ने कहा, बालियान ने चुनाव में खूब मेहनत की, लेकिन इस बार चुनाव में अलग ट्रेंड देखने को मिला। राजपूत समाज का विरोध और हिंदू वोटरों का जातियों में बंटने से बीजेपी को नुकसान हुआ। वहीं, दूसरी तरफ पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को भी नजरअंदाज किया गया।

मुस्लिम वोटों के बिखराव का ना होना
इस बार मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर मुस्लिम वोटों का बिखराव नहीं हुआ। इसका एक बड़ा कारण ये भी रहा कि इस बार मुजफ्फरनगर संसदीय सीट से कोई मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में नहीं था। जिस कारण मुस्लिम मतदाता एक तरफा हरेन्द्र मलिक की तरफ गया। वहीं दलित वोट बसपा के खाते में गया। बसपा के दारा सिंह प्रजापति को 1,43,323 वोट मिले। ये भी डॉ. संजीव बालियान की हार का बड़ा फैक्टर रहा है। 

ठाकुरों की नाराजगी और संगीत सोम की बगावत 
डॉ. संजीव बालियान की हार का दूसरा कारण सरधना विधानसभा भी रही। सरधना विधानसभा ठाकुर बाहुल्य विधानसभा है। यहां से भाजपा के संगीत सोम दो बार विधायक रहे। संगीत सोम समर्थकों का मानना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान उनको हरवाने में डॉ. संजीव बालियान ने बड़ी भूमिका निभाई थी। वहीं दूसरी ओर ठाकुरों की भाजपा से नाराजगी भी डॉ. संजीव बालियान की हार की बड़ी वजह बनी। मुजफ्फरनगर में ठाकुरों की कई पंचायतें हुईं। जिसमें भाजपा प्रत्याशी का खुला विरोध किया गया। हालांकि ठाकुरों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह भी जनसभाएं करने के लिए आए। लेकिन ये दोनों नेता भी ठाकुरों की नाराजगी को मतों में बदलने में नाकाम रहे। 

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