यहां पर फैसले चारपाई और चबूतरों पर बैठकर होते है। डॉ. संजीव बालियान चाहते थे सभी उनसे मिलने के लिए उनके पास जाए। जबकि यहां ऐसा नहीं होता। डॉ. संजीव बालियान मान बैठे थे कि मोदी के चेहरे और जाट नेता के नाम पर उनको कोई नहीं हरा सकता।
Jun 05, 2024 09:09
यहां पर फैसले चारपाई और चबूतरों पर बैठकर होते है। डॉ. संजीव बालियान चाहते थे सभी उनसे मिलने के लिए उनके पास जाए। जबकि यहां ऐसा नहीं होता। डॉ. संजीव बालियान मान बैठे थे कि मोदी के चेहरे और जाट नेता के नाम पर उनको कोई नहीं हरा सकता।