8 लाख की जमीन, 3 साल का संघर्ष : रिटायर्ड फौजी ने मांगा इंसाफ या मृत्युदंड, तख्ती लटकाए पहुंचा कलेक्ट्रेट

UPT | रिटायर्ड फौजी तख्ती लटकाए पहुंचा कलेक्ट्रेट

Sep 10, 2024 18:16

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक रिटायर्ड फौजी पिछले तीन वर्षों से न्याय की तलाश में भटक रहा है। उसका आरोप है कि नगर निगम ने बिना अनुमति के उसके प्लॉट में नाला बनवा दिया...

Saharanpur News : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक रिटायर्ड फौजी पिछले तीन वर्षों से न्याय की तलाश में भटक रहा है। उसका आरोप है कि नगर निगम ने बिना अनुमति के उसके प्लॉट में नाला बनवा दिया, जिससे उसकी 8 लाख रुपये से अधिक की जमीन निगम के कब्जे में चली गई। अब तक उसने 1500 से अधिक शिकायतें आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराई हैं। उनका कहना है कि निगम ने शिकायतों का समाधान अपने तरीके से किया है। निराश होकर, वह अब सरकार से मृत्यु दंड की मांग कर रहा है।

जबरन नाला बनवाने का आरोप
रिटायर्ड फौजी का आरोप है कि नगर निगम ने उसके प्लॉट पर चौड़ीकरण के नाम पर जबरन नाला बनवा दिया है। उनका कहना है कि सड़कों के दूसरी ओर की जमीनों पर कब्जा होने के बावजूद निगम ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि उनके खुद के प्लॉट को निशाना बनाया गया है। फौजी ने बताया कि इस मामले की जांच एसडीएम सदर और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने की थी और प्लॉट की पैमाइश भी कराई गई, जो सही पाई गई। इसके बावजूद, निगम ने प्रशासन की जांच के परिणामों को मानने से इनकार कर दिया।

गले में एक तख्ती लटका पहुंचे कलेक्ट्रेट
मंगलवार को रिटायर्ड फौजी मोहम्मद शाहिद कलेक्ट्रेट पहुंचा और उसने गले में एक तख्ती लटकाई। तख्ती पर लिखा था, "फौजी को मृत्यु दंड या अधिकारियों से इंसाफ।" शाहिद का कहना है कि उसने 24 साल सेना में सेवा देने के बाद 2019 में रिटायरमेंट के बाद प्राप्त फंड से खाता खेड़ी में एक प्लॉट खरीदा था। आरोप है कि नगर निगम ने 2021 में उसके प्लॉट पर जबरन नाला बनवा दिया, जिससे उसकी 8 लाख रुपये की जमीन नाले में चली गई।

नगर निगम के अधिकारियों ने किया अनसुना
फौजी का कहना है कि उसने लगातार शिकायत की है, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने उसकी सुनवाई नहीं की। वह आरोप लगाता है कि निगम अपने हिसाब से शिकायतों का निपटारा कर रहा है और उसकी बातों को नजरअंदाज कर रहा है। उसने अपनी जीवन की पूंजी इस प्लॉट में लगाई थी और अब उसके बच्चे सड़क पर आ सकते हैं। तहसील की जांच में जमीन सरकारी नहीं पाई गई, लेकिन निगम प्रशासन की जांच को मानने के लिए भी तैयार नहीं है। वह दावा करता है कि पोर्टल पर की गई शिकायतों की रिपोर्ट भी गलत भेजी जा रही है, जिससे शासन और प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है।

क्या बोले सहारनपुर के डीएम
फौजी का कहना है कि यदि शासन और प्रशासन उसे न्याय नहीं प्रदान कर सकते हैं, तो उन्हें मृत्यु दंड की सजा दी जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि निगम के भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कर उन्हें सजा दी जाए। उनका आरोप है कि निगम लगातार तानाशाही कर रहा है और पोर्टल पर की गई शिकायतों को खुद से निपटाकर हटा रहा है, बिना उनके फीडबैक को सुने। डीएम मनीष बंसल ने कहा कि उन्हें एक रिटायर्ड फौजी द्वारा प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें प्लॉट पर नाला निर्माण को लेकर शिकायत की गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले की जांच की जाएगी।

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