सैनिक स्कूल में पढ़ने का सैकड़ों बच्चों का टूटा सपना : यू-डॉयस कोड न मिलने से नहीं बन पा रहा पैन, शुक्रवार को है प्रवेश की अंतिम तारीख

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Oct 24, 2024 21:21

गोरखपुर में सैनिक स्कूल की स्थापना का उद्देश्य विद्यार्थियों में देशप्रेम और सैन्य सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। लेकिन हाल ही में, इस स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया से पहले ही कई छात्रों ने अपनी उम्मीदें खो दी हैं...

Gorakhpur News : गोरखपुर में सैनिक स्कूल की स्थापना का उद्देश्य विद्यार्थियों में देशप्रेम और सैन्य सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। लेकिन हाल ही में, इस स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया से पहले ही कई छात्रों ने अपनी उम्मीदें खो दी हैं। दरअसल, सैकड़ों विद्यार्थी पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) के अभाव में आवेदन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए हैं। सैनिक स्कूल के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि शुक्रवार को समाप्त हो रही है, जिससे कई अभिभावकों में निराशा देखने को मिल रही है। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग और संबंधित स्कूलों की लापरवाही पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। इस स्थिति ने विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए पैन नंबर अनिवार्य
बेसिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में हर शैक्षिक सत्र की शुरुआत में विद्यार्थियों का शैक्षिक प्रोफाइल यू-डॉयस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इसके लिए प्रत्येक छात्र को 11 अंकों का परमानेंट एकाउंट नंबर (पैन) आवंटित किया जाता है, जो सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अनिवार्य है। हालांकि, सैनिक स्कूल सहित अन्य शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए पैन को अनिवार्य किया गया है, जिससे कई विद्यार्थी आवेदन प्रक्रिया से बाहर रह गए हैं। यह स्थिति विद्यार्थियों की भविष्य की संभावनाओं को प्रभावित कर रही है, और अभिभावकों में इस मुद्दे को लेकर चिंता और नाराजगी बढ़ रही है।



पैन नंबर न मिलने से विद्यार्थियों की बढ़ी चिंता
तारामंडल निवासी देवांश ने बताया कि वे अपने भाई का फार्म भरने के लिए सिविल लाइंस के एक स्कूल में पैन नंबर जानने गए, लेकिन स्कूल ने कहा कि उन्हें अभी यू-डॉयस कोड नहीं मिला है, इसलिए पैन नंबर आवंटित नहीं किया जा सकता। यह समस्या केवल उनके स्कूल की नहीं, बल्कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूलों की है। अंबेडकर चौराहा पर ऑनलाइन फार्म भराने वाली एक दुकान पर पहुंचे एक अभिभावक भी निराश हुए, जब उन्हें बताया गया कि बिना पैन नंबर के उनके बच्चे का फार्म नहीं भरा जा सकता। बच्चों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले अनुदेशक विक्रम सिंह ने कहा कि सैनिक स्कूल के फार्म के लिए पैन अनिवार्य है। गोरखपुर और पूरे प्रदेश में सैकड़ों स्कूलों के बच्चों को अभी तक पैन नंबर नहीं मिला है, जिससे हजारों बच्चे सिर्फ पैन के अभाव में सैनिक स्कूल गोरखपुर और लखनऊ में आवेदन करने से वंचित रह गए हैं। यह स्थिति विद्यार्थियों के भविष्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है।

यू-डॉयस को लेकर महानिदेशक ने भी लगायी थी कड़ी फटकार
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा यू-डॉयस पोर्टल पर विद्यार्थियों का डेटा अद्यतन करने को लेकर जिम्मेदार अधिकारी चाहे कितने भी दावे करें, लेकिन हालिया समीक्षा में जिले की स्थिति संतोषजनक नहीं रही। प्रदेशभर के 100 ब्लॉकों की सूची में जिले के नौ ब्लॉक भी शामिल थे, जो खराब प्रदर्शन कर रहे थे। इस पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और एक सप्ताह की समय सीमा निर्धारित की। हालांकि, इसके बावजूद जिले का कोई भी ब्लॉक सौ फीसदी लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सका। इस पर बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है।

कई स्कूलों ने लापरवाही बरती
एमआइएस इंचार्ज अमरेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि स्कूलों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे छात्र-छात्राओं का डेटा यू-डॉयस पोर्टल पर अपलोड करें, लेकिन कई स्कूलों ने लापरवाही बरती। जब इन स्कूलों को पता चला कि इस लापरवाही के कारण उनकी मान्यता समाप्त हो सकती है, तब उन्होंने जल्दी-जल्दी इसके लिए आवेदन किए। उन्होंने बताया कि सभी प्राप्त आवेदनों की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है और अब यह शिक्षा मंत्रालय के स्तर पर आगे बढ़ी है।

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