बहराइच हिंसा में शासन की पहली बड़ी कार्रवाई : सीओ महसी निलंबित, एसटीएफ ने मुख्य आरोपियों की तेज की तलाश

UPT | Bahraich violence

Oct 16, 2024 23:03

बहराइच हिंसा में शासन स्तर पर पहली बड़ी कार्रवाई की गई है। इसमें क्षेत्राधिकारी महसी रूपेंद्र गौड़ को निलंबित कर दिया गया है। बुधवार सुबह ही सीओ पहले हटाया गया था, इसके बाद रात में शासन ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया।

Lucknow News : बहराइच जिले में हिंसक गतिविधियों के बाद अभी भी तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार आलाधिकारियों से हालात का फीडबैक ले रहे हैं। पुलिस महकमे के वरिष्ठ अफसरों ने कानून व्यवस्था दुरुस्त करने को पहले से ही डेरा डाल दिया है। इस बीच इस मामले में शासन स्तर पर पहली बड़ी कार्रवाई की गई है। इसमें क्षेत्राधिकारी महसी रूपेंद्र गौड़ को निलंबित कर दिया गया है। बुधवार सुबह ही सीओ पहले हटाया गया था, इसके बाद रात में शासन ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया। इससे पहले, थानाध्यक्ष हरदी और महसी के चौकी इंचार्ज को भी निलंबित किया गया था। शासन के मुताबिक यह कदम सुरक्षा स्थिति को सुधारने के लिए उठाया गया है।

अब तक तीन पुलिसकर्मियों पर गिरी निलंबन की गाज
सीओ रुपेंद्र गौंड पर मूर्ति विसर्जन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही का आरोप है। जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने यह एक्शन लिया है। इसके साथ ही रामपुर में तैनात सीओ रवि खोकर को महसी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उन्होंने चार्ज संभाल लिया है।  इस प्रकरण में सीओ सहित अब तक तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है।



मौके पर मौजूद नहीं थे सीओ
दरअसल हरदी थाना क्षेत्र की मूर्तियों को विसर्जन के लिए महराजगंज कस्बे से होकर ले जाया जा रहा था। इसमें महसी सीओ रुपेंद्र गौंड को कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सुरक्षा के मद्देनजर एक कंपनी पीएसी भी दी गई थी। जांच में सामने आया है कि जिस समय रामगोपाल को गोली मारी गई और उसके बाद भड़की हिंसा के समय तक सीओ मौके पर मौजूद नहीं थे। वहीं इंस्पेक्टर सुरेश कुमार वर्मा और चौकी प्रभारी स्थिति नियंत्रण करने में असफल रहे। इसके बाद हिंसा भड़कती चली गई।एसएचओ व चौकी प्रभारी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

इलाके में पुलिस फोर्स तैनात
महराजगंज क्षेत्र, जहां हिंसा की शुरुआत हुई थी, वहां प्रशासन ने दो किलोमीटर के इलाके में फोर्स तैनात कर दिया है और पूरी मार्केट बंद है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी दुकानें खोलें, परंतु हालात की गंभीरता के चलते लोग अभी भी डरे हुए हैं और दुकानें नहीं खोल रहे हैं।

इंटरनेट सेवा बंद
प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवा को गुरुवार तक के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस ने सुरक्षा कारणों से लोगों के आवागमन पर रोक नहीं लगाई है। लेकिन, महसी और हरदी तहसील के कई घरों में पुरुष सदस्यों के न होने की जानकारी भी सामने आ रही है। पुलिस ने कहा है कि अब तक 11 एफआईआर दर्ज की गई हैं और करीब 55 से अधिक लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

सपा ने हिंसा को साजिश का बताया हिस्सा
समाजवादी पार्टी के नेता लाल बिहारी यादव ने हिंसा को लेकर बयान देते हुए कहा कि बहराइच में हुई हिंसा एक साजिश का हिस्सा लगती है। उन्होंने इस हिंसा का आरोप बीजेपी पर लगाते हुए कहा कि उपचुनावों के मद्देनज़र बीजेपी हिंदू-मुस्लिम विवाद बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

मुख्य आरोपी के घर का वीडियो वायरल
इस बीच रविवार को हुए दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी की घटना के लिए मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर का वीडियो सामने आया है, जिसमें छत पर ईंटों और बोतलों का जमावड़ा दिख रहा है। इस वीडियो के कारण लोगों में चर्चा हो रही है कि घटना पूर्व नियोजित थी और पहले से ही पत्थर और बोतलें इकट्ठी की गई थीं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग अचानक घटनास्थल पर पहुंच गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इसके बाद पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के कारण माहौल और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया। राम गोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में एसटीएफ की चार टीमें महसी में तैनात हैं। एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने खुद वहां कैंप किया और मुख्य आरोपियों को पकड़ने के लिए एसटीएफ टीम ने बेहड़ा और खैरा बाजार में छापेमारी की।

सीएम योगी ने तलब की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। जिला पुलिस और प्रशासन की ओर से विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर भेजी जा चुकी है। हिंसा के मद्देनजर इलाका नौ सेक्टरों में बांटा गया है, ताकि हर क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जा सके और हालात पर निगरानी रखी जा सके।

सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी
प्रशासन ने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों की गहन जांच शुरू कर दी है। वीडियो और संदेशों को जांच के लिए विशेष पुलिस टीमें तैनात की गई हैं ताकि उपद्रवियों की पहचान की जा सके।

राजनीतिक दलों की आवाजाही पर रोक
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रवेश पर रोक लगाई है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक किसी भी राजनीतिक दल को इलाके में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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