एनसीआर की तर्ज पर यूपी में राज्य राजधानी क्षेत्र बना : अधिसूचना जारी, लखनऊ-हरदोई-सीतापुर-उन्नाव-रायबरेली और बाराबंकी शामिल

UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Jul 19, 2024 23:35

अथॉरिटी में छह जिलों के डीएम के अलावा विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि, राज्य और केंद्र सरकार के कई विभागों के नामांकित अधिकारी और मेट्रो के प्रतिनिधि भी सदस्य होंगे। यूपी एससीआर का क्षेत्रफल दिल्ली-एनसीआर का लगभग आधा है।

Lucknow News : योगी सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया है। यूपी सरकार ने लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी के 27826 वर्ग किलोमीटर एरिया को समेटकर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) बना दिया है। संचालन के लिए उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एससीआर अथॉरिटी) भी बनाया गया है। प्राधिकरण के चेयरमैन मुख्यमंत्री होंगे। जबकि उपाध्यक्ष मुख्य सचिव और लखनऊ मंडल के कमिश्नर इसके पदेन सचिव होंगे। 

छह जिलों के डीएम होंगे इसमें सदस्य
अथॉरिटी में छह जिलों के डीएम के अलावा विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि, राज्य और केंद्र सरकार के कई विभागों के नामांकित अधिकारी और मेट्रो के प्रतिनिधि भी सदस्य होंगे। यूपी एससीआर का क्षेत्रफल दिल्ली-एनसीआर का लगभग आधा है।

नगर विकास पर बढ़ेगा फोकस
राजधानी लखनऊ के आस-पास के पांच जिलों के एससीआर में शामिल होने से वहां तेज और समग्र विकास को रफ्तार मिलेगी। राज्य सरकार ने राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक लखनऊ जिले का 2528 वर्ग किलोमीटर, हरदोई का 5986 वर्ग किलोमीटर, सीतापुर का 5743 वर्ग किलोमीटर, उन्नाव का 4558 वर्ग किलोमीटर, रायबरेली का 4609 वर्ग किलोमीटर और बाराबंकी का 4402 वर्ग किलोमीटर एरिया अब एससीआर अथॉरिटी के अंदर आएगा। इन इलाकों में अब नगर विकास, परिवहन के साधन और संसाधन पर फोकस बढ़ जाएगा।

रोजगार के बढ़ेंगे मौके
अभी तक कॉलोनी और अपार्टमेंट बना रहे बिल्डर सिर्फ लखनऊ और शहर की सीमा तक सिमटे थे लेकिन एससीआर के गठन से छह जिलों में शहरी विकास तेजी से होगा। इससे लखनऊ शहर पर आबादी का लोड भी कम होगा। लोग लखनऊ के पास के शहरों में बसना शुरू करेंगे। इन छह जिलों के बीच सड़क और ट्रेन के साथ-साथ मेट्रो का भी विस्तार हो सकता है। इलेक्ट्रिक बसों की खेप बढ़ाई जाएगी और कवरेज दूर तक हो सकेगा। लोगों के लिए जैसे-जैसे लखनऊ से इन छह जिलों की ओर जाना-आना आसान होगा, वैसे-वैसे लोग प्रदूषण से दूर एससीआर के दूसरे इलाको का रुख करने लगेंगे। एससीआर के इलाकों में नई कॉलोनी व दूसरे विकास के काम होने से रोजगार के भी मौके पैदा होंगे। 

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