यूपी में स्थापित होगा बायो प्लास्टिक पार्क : लखीमपुर खीरी में 1000 हेक्टेयर में बनेगा, जमीन की तलाश तेज

UPT | यूपी में स्थापित होगा बायो प्लास्टिक पार्क

Jun 28, 2024 15:00

उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। लखीमपुर खीरी जिले में 2000 करोड़ रुपये की लागत से एक विशाल बायो प्लास्टिक पार्क स्थापित किया जाएगा...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। लखीमपुर खीरी जिले में 2000 करोड़ रुपये की लागत से एक विशाल बायो प्लास्टिक पार्क स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना गोला गोकर्णनाथ तहसील के कुम्भी गांव में 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को जल्दी पूरा करने का निर्देश दिया है। बलरामपुर चीनी मिल कंपनी इस पार्क के निर्माण का कार्य संभालेगी। इस पहल से न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे, बल्कि क्षेत्र में अन्य सहायक उद्योगों की स्थापना को भी बढ़ावा मिलेगा। परियोजना के समन्वय और विकास की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को सौंपी गई है। यह पहल प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।



स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
बायो प्लास्टिक एक नवीन और पर्यावरण अनुकूल समाधान है। यह जैविक स्रोतों जैसे मक्का, सूरजमुखी और गन्ने से निर्मित होता है। इसकी विशेषता है कि यह प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाता है, जिससे पर्यावरण पर कम दबाव पड़ता है। इसे प्राकृतिक प्लास्टिक भी कहा जाता है। इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है - पैकेजिंग से लेकर वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स तक। यह न केवल पारंपरिक प्लास्टिक का एक बेहतर विकल्प है, बल्कि उद्योगों के लिए भी नए अवसर प्रदान करता है। बायो प्लास्टिक का बढ़ता प्रयोग प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकता है। यह पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच एक संतुलन स्थापित करने का एक प्रयास है। इसके विकास और उपयोग से प्लास्टिक प्रदूषण के खतरे को कम करने में मदद मिलती है और पर्यावरणीय स्थिति में सुधार करने में यह बहुत ही ज्यादा सहायक साबित हो सकता है।

यह भी पढ़ें- नगर निकायों का फैसला : मृतक कर्मियों की विधवा पुत्रवधु को मिलेगा आश्रित का दर्जा, नियम में किया गया संशोधन

बायो प्लास्टिक के बारे में मुख्य बिंदु
प्राकृतिक सामग्री से निर्मित : मक्का, सूरजमुखी, शक्कर के कण आदि
तेज़ी से विघटित होने वाला : कम पर्यावरण प्रदूषण
बहुआयामी उपयोग : पैकेजिंग, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक उत्पाद
पर्यावरण अनुकूल : प्लास्टिक प्रदूषण कम करने में सहायक
स्थिरता : पर्यावरणीय स्थिति सुधारने में योगदान
वैकल्पिक नाम : प्राकृतिक प्लास्टिक
लाभ : पारिस्थितिक संतुलन और औद्योगिक विकास में सहायक

पार्क में होंगे वैज्ञानिक अनुसंधान
बायो प्लास्टिक पार्क के विकास से नए वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्र में नौकरी के अवसर भी उत्पन्न होंगे ही साथ ही ये पार्क वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा, जहां वे नवीनतम प्रौद्योगिकियों और अनुसंधानों के माध्यम से प्लास्टिक निर्माण की क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं। 

यह भी पढ़ें- यूपी में दो आईएएस अफसरों का तबादला : राजागणपति बने सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी

बायो प्लास्टिक पार्क की स्थापना से अनेक लाभ होंगे
रोजगार सृजन : नए वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर बढ़ेंगे।
अनुसंधान केंद्र : वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक समर्पित स्थान होगा।
तकनीकी नवाचार : प्लास्टिक निर्माण की नवीन तकनीकों का विकास होगा।
विविध अध्ययन : प्लास्टिक से संबंधित विभिन्न प्रौद्योगिकियों पर शोध होगा।
पर्यावरण संरक्षण : प्लास्टिक प्रदूषण कम करने के तरीकों पर काम होगा।
पुनर्चक्रण तकनीक : प्रदूषित प्लास्टिक के पुनः उपयोग की विधियां विकसित होंगी।
समस्या समाधान : प्लास्टिक से उत्पन्न पर्यावरणीय चुनौतियों के हल खोजे जाएंगे।
उत्पाद विकास : प्लास्टिक के प्रभावी उपयोग हेतु नए उत्पाद बनेंगे

Also Read