महंगे रिचार्ज से मिलेगी राहत! : सरकार ला रही 'राइट टू फ्री इंटरनेट' बिल, जानें इसके सभी पहलू

UPT | राइट टू फ्री इंटरनेट

Jul 27, 2024 17:14

आजकल सरकारी सेवाओं से लेकर बैंकिंग तक के अधिकांश काम स्मार्टफोन और इंटरनेट के माध्यम से किए जाते हैं, लेकिन महंगे रिचार्ज के कारण कई लोगों को इन सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ‘राइट टू फ्री इंटरनेट’ बिल पर विचार कर रही है।

New Delhi : जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने रिचार्ज प्लान महंगे कर दिए हैं। इस वृद्धि का सबसे ज्यादा असर गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों पर पड़ा है, जिनके लिए महंगे रिचार्ज की कीमतें एक बड़ा आर्थिक बोझ बन गई हैं। आजकल सरकारी सेवाओं से लेकर बैंकिंग तक के अधिकांश काम स्मार्टफोन और इंटरनेट के माध्यम से किए जाते हैं, लेकिन महंगे रिचार्ज के कारण कई लोगों को इन सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ‘राइट टू फ्री इंटरनेट’ (Right to Free Internet) बिल पर विचार कर रही है।

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क्यों जरुरत पड़ी फ्री इंटरनेट बिल की...
सरकार ने हाल ही में ‘राइट टू फ्री इंटरनेट’ बिल पर विचार करने की मंजूरी दे दी है। यह बिल देश के सभी नागरिकों को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित किया गया है, खासकर उन लोगों को जो वित्तीय तंगी के कारण महंगे इंटरनेट खर्च का बोझ उठाने में असमर्थ हैं। इस बिल के तहत, इंटरनेट को बुनियादी सुविधाओं के दायरे में लाया जाएगा और इसे मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भारतीय नागरिक इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित न रहे, जिससे वह डिजिटल इंडिया की मुख्यधारा से जुड़ सके।



कब आया यह बिल
‘राइट टू फ्री इंटरनेट’ बिल को दिसंबर 2023 में राज्यसभा में पेश किया गया था। हाल ही में, राज्यसभा से एक नया अपडेट सामने आया है। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा महासचिव को सूचित किया कि राष्ट्रपति ने इस बिल पर विचार करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश के तहत, बिल की समीक्षा और अनुमोदन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी।

क्या है राइट टू फ्री इंटरनेट
सरकार ने ‘राइट टू फ्री इंटरनेट’ बिल को पेश करने की मंजूरी दे दी है, जो देश के सभी नागरिकों को इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने पर जोर देता है। इस बिल के तहत, अगर कोई भारतीय नागरिक इंटरनेट खर्च वहन करने में असमर्थ होता है, तो सरकार की जिम्मेदारी होगी कि उसे मुफ्त में इंटरनेट उपलब्ध कराए। यह कदम डिजिटल समानता को सुनिश्चित करने और सभी लोगों को इंटरनेट की बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, ताकि कोई भी व्यक्ति डिजिटल जानकारी और सरकारी सेवाओं से वंचित न रहे।

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किसे मिलेगा लाभ?
फ्री इंटरनेट बिल के अनुसार, यह विशेषकर गरीब और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए लाभकारी होगा। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किस प्रकार की आय सीमा के अंतर्गत आने वाले लोगों को मुफ्त इंटरनेट मिलेगा या इसके लागू करने के लिए कौन-कौन से नियम और शर्तें होंगी। भविष्य में इस संबंध में और स्पष्ट जानकारी मिलने की उम्मीद है।

‘राइट टू स्पीच’ की तर्ज पर ‘राइट टू इंटरनेट’
यह बिल ‘राइट टू स्पीच’ के समान मानवीय अधिकारों पर आधारित है, जिसमें इंटरनेट को सूचना का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुविधा के रूप में देखा जाता है। इंटरनेट का उपयोग स्वतंत्रता, महिला सशक्तिकरण, और नागरिक अधिकारों के प्रसार में भूमिका निभाता है। 

कहां मिलता है फ्री इंटरनेट
अगर फ्री इंटरनेट की बात करें, तो दुनिया के कई देश अपने नागरिकों को फ्री इंटरनेट की सुविधा देते हैं। लिथुआनिया, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में नागरिकों को मुफ्त इंटरनेट का लाभ मिल रहा है। भारत में भी मुफ्त इंटरनेट की सुविधा की बात की गई है, और केरल पहला राज्य है जिसने अपने नागरिकों को मुफ्त इंटरनेट सेवा प्रदान करने की पहल की है। 

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