Saharanpur News : मौलाना अरशद मदनी बोले- देश में फिर चली पड़ी है नफरत की आंधी, जानें उन्होंने क्यों कहा ऐसा

UPT | जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी।

Sep 02, 2024 17:08

मदनी ने कहा कि पीड़ित परिवार पश्चिमी बंगाल से थे, कबाड़ी का काम करते थे। जमीयत उलमा के लोग साबिर मलिक के परिवार से मिले। शोक संवेदना प्रकट की। मौलाना मदनी का डेलिगेशन ने शोक संदेश भी सुनाया।

Saharanpur News : सहारनपुर में जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक बार फिर से मुसलमानों के खिलाफ नफरत की आंधी चल पड़ी है। रुड़की में निर्दोष वसीम की निर्मम हत्या की गूंज अभी थमी नहीं थी कि हरियाणा के चर्खी दादरी से दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है। गोरक्षकों ने दो युवकों को गो मांस खाने का आरोप लगाकर पिटाई कर दी। जिसमें एक की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। 

मदनी ने कहा कि पीड़ित परिवार पश्चिमी बंगाल से थे, कबाड़ी का काम करते थे। जमीयत उलमा के लोग साबिर मलिक के परिवार से मिले। शोक संवेदना प्रकट की। मौलाना मदनी का डेलिगेशन ने शोक संदेश भी सुनाया। इसमें कहा गया कि हम पीड़ित परिवार के दुख में बराबर के शरीक हैं और जमीयत उलमा-ए-हिंद इस निर्मम हत्या में जो दुष्ट तत्व लिप्त हैं उनको उनके किए की सजा दिलाने के लिए आपके साथ खड़ी रहेगी।

मौलाना मदनी ने बयान जारी कर कहा कि ये हत्या ही नहीं क्रूरता और दरिंदगी की पराकाष्ठा है। भीड़ के रूप में एकत्र होकर किसी निर्दोष को पीट-पीटकर मार दिया जाए। सांप्रदायिक तत्वों और देश का पक्षपाती मीडिया वर्षों से लोगों के मन में नफरत का जो जहर बो रहा है। साबिर मलिक की लिंचिंग इसका सब से बुरा उदाहरण है। ऐसा लगता है कि तथाकथित गौ रक्षकों के वेष में दुष्ट तत्वों का एक गिरोह है। जिसे हिंसा और दरिंदगी की खुली छूट मिली हुई है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश के बावजूद यह दरिंदगी रुक नहीं रही है। इससे ऐसा लगता है कि इन लोगों को राजनीतिक संरक्षण और समर्थन मिला हुआ है। इसलिए उनके हौसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा हिंसा कोई मुसलमानों की समस्या नहीं बल्कि एक राजनीतिक समस्या है। इसका राजनीतिक रूप से ही समाधान संभव है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों विशेषकर वो पार्टियां जो अपने आपको धर्मनिरपेक्ष कहती हैं, खुल कर सामने आएं और इसके खिलाफ कानून बनाने के लिए कदम उठाएं। केवल निंदा कर देना काफी नहीं।

उन्होंने कहा कि इस भीड़ द्वारा हिंसा से साबित हो गया है कि सांप्रदायिक तत्व किस तरह खुद को कानून से ऊपर समझ रहे हैं। कानून को अपने हाथ में लेकर धर्म के आधार पर एक विशेष वर्ग को हिंसा और क्रूरता का निशाना बना रहे हैं। ये मॉब लिंचिंग योजनाबद्ध भी हो सकती है क्योंकि जल्द ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए हो सकता है कि सांप्रदायिक तत्वों ने यह सब सांप्रदायिक गोलबंदी पैदा करने के लिए किया हो। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन कुछ राजनेता यह भी कह रहे हैं कि गाय के साथ लोगों की भावनाएं जुड़ी होती हैं। तो क्या यह इस बात की आजादी है कि आप गाय का मांस खाने का इल्जाम लगाकर किसी निर्दोष की जिंदगी छीन लें? उन्होंने कहा कि साबिर मलिक के घर में विधवा मां के अतिरिक्त पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। बड़ा बेटा शाकिर पांच वर्ष का है। जबकि बेटी शाकिरा की आयु केवल दो वर्ष है। इन पर अचानक मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। क्योंकि घर में अब कोई कमाने वाला नहीं रहा। याद रखना चाहिए कि न्याय के दोहरे पैमाने से ही अशांति और तबाही के रास्ते खुलते हैं। इस पर विचार करने की जरूरत है। 

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