प्रदर्शन : डिजिटल हाजिरी का विरोध करते हुए शिक्षकों ने निकाला प्रोटेस्ट मार्च, कहा - यह सरकार का है तुगलकी फरमान 

UPT | शिक्षकों ने किया प्रदर्शन।

Jul 15, 2024 20:22

अलीगढ़ में ऑनलाइन हाजिरी लगाने के विरोध में शिक्षकों ने सड़क पर प्रोटेस्ट मार्च निकाला। सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने घंटाघर से लेकर कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च कर नारेबाजी की।

Short Highlights
  • डिजिटल अटेंडेस से होगा मानसिक उत्पीड़न 
  • डिजिटल हाजिरी सरकार का तुगलकी फरमान 
Aligarh News : अलीगढ़ में ऑनलाइन हाजिरी लगाने के विरोध में शिक्षकों ने सड़क पर प्रोटेस्ट मार्च निकाला। सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने घंटाघर से लेकर कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च कर नारेबाजी की। वहीं जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंच कर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा। इस दौरान स्कूलों की छुट्टी के बाद बड़ी तादात में महिला और पुरुष शिक्षक मौजूद रहे। शिक्षक ऑनलाइन सुबह और छुट्टी के समय हाजिरी को काला आदेश बता कर विरोध कर रहे हैं।

डिजिटल अटेंडेस से होगा मानसिक उत्पीड़न 
उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ और महिला शिक्षक संघ ने सोमवार को प्रोटेस्ट मार्च निकालकर ऑनलाइन हाजिरी का विरोध जताया है। महिला शिक्षक संघ की जिलाअध्यक्ष योगेश्वरी सिंह ने कहा कि शिक्षामित्र, सहायक अध्यापक, अनुदेशक का एक मोर्चा बना है, जिसमें सभी संगठन एक साथ मिलकर ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं। ऑनलाइन अटेंडेंस अगर व्यावहारिक रूप में देखे तो वह उचित नहीं है, क्योंकि जो मूलभूत आवश्यकताऐं है, वह सरकार द्वारा पूरी नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन अटेंडेंस प्रेरणा पोर्टल ऐप के जरिए ली जाएगी और यह ऐप कभी-कभी काम ही नहीं करता हैं। दूर दराज के विद्यालयों में नेटवर्क न आने से अगर अटेंडेंस नहीं लगती है तो हमें अनुपस्थित माना जाएगा और हमारा वेतन काट दिया जाएगा। जो हमारे मानसिक उत्पीड़न का कारण बनेगा। उन्होंने बताया कि हम अगर स्कूल को जाते हैं, रास्ते में किसी आपदा के चलते स्कूल पहुंचने में विलम्ब होगा तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने कहा कि हम अटेंडेंस देने को तैयार है, लेकिन सरकार हमारी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरी करें। जैसे राज्य कर्मचारियों को सुविधा दी जाती है, वह हमें दी जायें।  

डिजिटल हाजिरी सरकार का तुगलकी फरमान 
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के महामंत्री नरेश कुमार ने कहा कि डिजिटल हाजिरी सरकार का तुगलकी फरमान है। यह शिक्षकों के प्रति अविश्वास का प्रतीक है। शिक्षक समाज का सबसे जिम्मेदार नागरिक माना जाता है। यह अविश्वास समझ से परे है, क्योंकि हम सरकार की नौकरी करते हैं, इसलिए आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य है। लेकिन हमारी बेसिक समस्याएं हैं, उनको दूर किये बिना यह व्यवस्था थोपी गई है। इसीलिए इसका विरोध कर रहे हैं। जब तक समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तब तक डिजिटल अटेंडेंस का विरोध करते रहेंगे। वही कलेक्ट्रेट पर मौजूद एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट ने शिक्षकों की मांगों का ज्ञापन लिया और कहा कि उनकी मांगें सरकार तक प्रेषित की जाएगी। 

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