अलीगढ़ की शेखा झील होगी पर्यटन का नया केंद्र : बर्ड सेंचुरी से विलेज टूरिज्म सेंचुरी तक, रूपांतरण की नई पहल

UPT | Shekha Bird Sanctuary

Jul 16, 2024 11:09

इस प्राकृतिक स्थल को 'विलेज टूरिज्म सेंचुरी' के रूप में परिवर्तित करने का लक्ष्य है, जो न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। यह परियोजना पर्यटन...

Short Highlights
  • शेखा झील 'विलेज टूरिज्म सेंचुरी' में परिवर्तित होगा
  • इसके आस-पास कई निर्माण किए जाएंगे
  • ये लोगों को प्रकृति से जोड़ने का काम करेगा
Aligarh News : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्थित शेखा झील को एक नए रूप में विकसित करने की योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इस प्राकृतिक स्थल को 'विलेज टूरिज्म सेंचुरी' के रूप में परिवर्तित करने का लक्ष्य है, जो न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। यह परियोजना पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक सुंदर संतुलन बनाने का प्रयास है।

नौका विहार की सुविधा उपलब्ध
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, शेखा झील के आस-पास कई नवीन सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। इनमें ओपन थिएटर, ईको हट, और एक कृत्रिम झील शामिल हैं। साथ ही, पर्यटकों के लिए नौका विहार की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इन सुविधाओं का उद्देश्य है पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाना और उन्हें एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करना।

समिति का गठन किया जाएगा
परियोजना का एक महत्वपूर्ण पहलू है स्थानीय समुदाय की भागीदारी। शेखा झील के निकटवर्ती दो गांवों में 'विलेज टूरिज्म समिति' का गठन किया जाएगा। यह समिति ग्रामीणों को प्रशिक्षित करेगी ताकि वे अपने घरों में पर्यटकों के लिए ठहरने की व्यवस्था कर सकें। यह न केवल पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का अनुभव देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आय का एक नया स्रोत भी बनेगा।

500 बीघा क्षेत्र में फैली है झील
शेखा झील की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता इस परियोजना का मुख्य आकर्षण है। प्रत्येक सर्दी में, यह स्थान हजारों प्रवासी पक्षियों का घर बनता है, जिनमें साइबेरियन पक्षी भी शामिल हैं। लगभग 500 बीघा क्षेत्र में फैली यह झील 1996 से प्रशासन के संरक्षण में है और 2016 में इसे राष्ट्रीय पक्षी विहार घोषित किया गया था। अब इसे एक व्यापक पर्यटन सर्किट में शामिल करने की योजना है, जिसमें एटा का पटना पक्षी विहार, चंबल, और आगरा की वर्ल्ड सेंचुरी जैसे स्थल शामिल होंगे।

पर्यावरण से जोड़ने का काम करेगी परियोजना
पर्यावरणविदों का मानना है कि यह परियोजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि लोगों को प्रकृति के करीब लाने में भी मदद करेगी। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बच्चों को भी प्रकृति से जुड़ने का मौका मिलेगा। यह परियोजना ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन' पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के हर जिले में पारिस्थितिकी पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।

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