अखिलेश यादव की चेतावनी : बीजेपी नेताओं की सपा में नो एंट्री, पैरवी करने वालों को अल्टीमेटम

UPT | अखिलेश यादव

Jul 25, 2024 01:39

अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को बीजेपी नेताओं से दूर रहने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी बीजेपी नेता की सपा में एंट्री नहीं होगी। इसके साथ बीजेपी नेताओं की पैरवी करने वालों को पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा।

UP News : सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सपा नेताओं के लिए चेतावनी जारी की है। उन्होनें सख्त लहजे में सपा नेताओं से कहा कि बीजेपी के नेताओं से दूरी बना कर रखें। जिसने भी बीजेपी नेताओं को सपा में लेने की पैरवी की तो उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। ऐसा करके अखिलेश यादव दबाव बनाकर रखना चाहते हैं। दरअसल वह यह दर्शाना चाहते हैं कि बीजेपी में भगदड़ मची हुई है। सभी बीजेपी नेता अपने लिए बेहतर रास्ता तलाश रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के सामने लोकसभा चुनाव के परिणामों को विधानसभा चुनाव में दोहराने की चुनौती है। इसके लिए वह अभी से दबदबा बनाकर रखना चाहते हैं। जबकि विधानसभा चुनाव 2027 की शुरूआत में होने हैं। अखिलेश यादव एक बार फिर से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हुए हैं। सुबह जब वह संसद से निकल रहे थे, इसी दौरान पश्चिमी यूपी के एक नेता उनसे मिलने के लिए पहुंच गए। वो अखिलेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। अखिलेश से मिलाने के वो अपने साथ बीजेपी एक नेता को लेकर गए थे।

सपा नेता को दी नसीहत
वो चाहते थे कि अखिलेश यादव बीजेपी नेता को टिकट देने की गारंटी दें। अखिलेश बीजेपी के नेता से नहीं मिले। बीजेपी नेता अखिलेश के घर के बाहर अपनी गाड़ी में बैठे रहे। अखिलेश यादव ने सपा नेता को दोबारा ऐसी गलती नहीं करने नसीहत दे डाली। लोकसभा चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल करके सपा का मनोबल काफी ऊंचा है। जबकि बीजेपी के अंदर यूपी में घमासान मचा हुआ है। नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी चरम पर है। ऐसे में बीजेपी के कुछ नेता सपा की साइकिल की सवारी करना चाहते हैं।

दलबदलू नेताओं से सर्तक
फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद इन दिनों अखिलेश के सबसे करीबी है। अवधेश प्रसाद अखिलेश यादव के आसपास ही नजर आते हैं। अवधेश प्रसाद एक दिन अचानक से लखनऊ में अखिलेश यादव से मिलने के लिए पहुंचे। बीजेपी के एक नेता को सपा में लेने की जिद करने लगे। अखिलेश यादव ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। दलबदलू नेताओं की वजह से उनकी पार्टी में बवाल ना हो जाए, इसका भी विशेष ध्यान रख रहे हैं। 

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