भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय : पद्मश्री सुमित्रा गुहा का शास्त्रीय गायन सुनकर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

UPT | पद्मश्री सुमित्रा गुहा के शास्त्रीय गायन का आयोजन किया गया

Jul 31, 2024 19:26

तिरूपति में जन्मी सुमित्रा जी की प्रारम्भिक संगीत शिक्षा कर्नाटक शैली में उनकी माँ द्वारा हुई और तत्पश्चात विद्वान जानकीरमण के सान्निध्य में हुई। आज वे हिन्दुस्तानी शैली की अग्रगण्य शास्त्रीय गायिका के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

Lucknow News :  भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ एवं स्पिक मैके के सयुक्त तत्वाधान में विरासत श्रृंखला के अन्तर्गत पद्मश्री सुमित्रा गुहा के शास्त्रीय गायन का आयोजन किया गया। विदुषी सुमित्रा गुहा जी ने अपनी प्रस्तुति का प्रारम्भ राग मिया मल्हार से किया। इसके बाद उन्होंने अपनी स्वरचित रचना राग हंसध्वनि में प्रस्तुत किया। अन्त में उन्होंने मीरा भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

छात्र-छात्राओं ने संगीत की बारीकियों को सीखा 
तिरूपति में जन्मी सुमित्रा जी की प्रारम्भिक संगीत शिक्षा कर्नाटक शैली में उनकी माँ द्वारा हुई और तत्पश्चात विद्वान जानकीरमण के सान्निध्य में हुई। आज वे हिन्दुस्तानी शैली की अग्रगण्य शास्त्रीय गायिका के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने कर्नाटक के कुछ चुने हुए रागों में हिन्दुस्तानी शैली में बंदिशें बनाकर उनकी प्रस्तुति भी दी है, जो उनकी विद्वता और अनूठी कला को दर्शाता है। सुमित्रा जी के साथ हारमोनियम पर श्री सुमित मिश्रा, तबले पर श्री सुमन चटर्जी एवं तानपुरे पर सुश्री रेणु ने संगत दी। मंच संचालन विश्वविद्यालय में एम०पी०ए० कथक की छात्रा सुश्री रूनझुन ने कुशलतापूर्वक किया। कार्यक्रम में स्पिक मैके के उत्तर प्रदेश संयोजक डॉ० हेमचन्द्र पालीवाल, गायन विभाग की अध्यक्ष डॉ० सृष्टि माथुर, तालवाद्य विभाग के अध्यक्ष डॉ० मनोज मिश्र, नृत्य विभाग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेन्द्र दत्त बाजपेयी, डॉ० रूचि खरे एवं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उपस्थित रहकर संगीत की बारीकियों को आत्मसात किया।

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