UP News : यूपी में प्रतिदिन 12 हजार टन अतिरिक्त सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट क्षमता बढ़ाएगी सरकार

UPT | नगर विकास मंत्री ए के शर्मा

Jul 31, 2024 17:51

प्रदेश सरकार के निर्देश पर शहरों से प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले हजारों टन कचरे को प्रॉसेस करके सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही "वेस्ट टू वंडर" योजना के तहत पार्कों का निर्माण भी किया जा रहा है।

Short Highlights
  • वेस्ट को प्रॉसेस करके प्रदेश में बनाई गई सड़क और पार्क
  • 15 हजार टन सॉलिड वेस्ट को किया जा रहा प्रॉसेस 
Lucknow News : उत्तर प्रदेश नगर विकास मंत्री ए के शर्मा ने विधानसभा में "वेस्ट टू वंडर" योजना के तहत वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर सरकार के कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा की उन्होंने कहा की विकसित शहरीकरण के साथ ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन वैश्विक स्तर पर एक गंभीर चुनौती बन गया है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए कचरा प्रबंधन क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शहरों से प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले हजारों टन कचरे को प्रॉसेस करके सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही "वेस्ट टू वंडर" योजना के तहत पार्कों का निर्माण भी किया जा रहा है। 

प्रदेश से प्रतिदिन निकलता है 20 हजार टन वेस्ट
उन्होंने बताया कि कूड़ा प्रबंधन के मामले में उत्तर प्रदेश बेहतर स्थिति में है। इसके अलावा प्रदेश के नगरों की एयर क्वालिटी भी देश के तमाम शहरों से बहुत अच्छी है। प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार टन सॉलिड वेस्ट निकलता है, हालांकि अभी 15 हजार टन सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस किया जाता है। उन्होंने बताया कि सरकार इस क्षमता को तकरीबन दोगुना करते हुए 12 हजार टन प्रतिदिन का इजाफा करने जा रही है। प्रदेश में फिलहाल 933 एमआरएफ सेंटर हैं, जिनमें से 711 कार्यरत हैं, जहां सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस करने का कार्य हो रहा है। 

'यूपी दर्शन पार्क' वेस्ट मैनेजमेंट का उत्कृष्ट उदाहरण 
प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस करते हुए इनसे सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। लखनऊ में न्यू हाईकोर्ट और पुलिस मुख्यालय की रोड को अबर्न वेस्ट को प्रॉसेस करके बनाया गया है। कूड़े को प्रतिदिन घरों से उठाकर एमआरएफ सेंटर में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और एयर प्रेशर से प्रॉसेस किया जाता है। प्रॉसेस्ड मैटेरियल का तीन प्रकार से उपयोग होता है। इसमें प्राइवेट वेंडर्स को प्लास्टिक का री-यूजेबल मैटेरियल देना, सड़कें बनाना और वेस्ट टू वंडर पार्क बनाने में उपयोग शामिल है। राजधानी लखनऊ में पांच एकड़ में वेस्ट टू वंडर पार्क के रूप में 'यूपी दर्शन पार्क' का निर्माण हुआ है, जो कूड़े के प्रबंधन का उत्कृष्ट मिसाल है। इसके अलावा हैपिनेस पार्क और आगरा, गोरखपुर, मीरजापुर सहित अन्य नगरों में वेस्ट टू वेंडर पार्क का निर्माण किया गया है।
 

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