सुपरटेक बिल्डर की दो कंपनियां दिवालिया घोषित : हज़ारों निवेशकों के लिए बढ़ी परेशानी, सबसे ऊंची रिहायशी इमारत सुपरनोवा में घर खरीदने वालों को झटका

UPT | Supernova

Aug 24, 2024 18:36

उत्तर भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में एक समय का बड़ा नाम रहा सुपरटेक समूह अब गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। समूह की दो बड़ी कंपनियां (सुपरटेक रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स लिमिटेड) नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा दिवालिया घोषित कर दी गई हैं।

Short Highlights
  • सुपरटेक कंपनियों के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू
  • निवेशकों को अब एनसीएलटी के सामने प्रस्तुत करने होंगे दावे
Noida News : उत्तर भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में एक समय का बड़ा नाम रहा सुपरटेक समूह अब गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। समूह की दो बड़ी कंपनियां (सुपरटेक रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स लिमिटेड) नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा दिवालिया घोषित कर दी गई हैं। इन कंपनियों के दिवालिया घोषित होने के बाद उनके संसाधनों का वितरण लेनदारों के बीच किया जाएगा, जिससे इन कंपनियों के हज़ारों निवेशकों के लिए एक और परेशानी खड़ी हो गई है। 

निवेशकों को अब एनसीएलटी के सामने प्रस्तुत करने होंगे दावे
एनसीएलटी ने सुपरटेक रीयल्टर्स और सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया प्रारंभ करने का आदेश जारी किया है। इसके तहत इन कंपनियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) या किसी अन्य अदालत में चल रहे सभी मामले समाप्त हो गए हैं। अब इन कंपनियों से प्रॉपर्टी खरीद चुके हजारों निवेशकों को अपने दावे एनसीएलटी द्वारा नियुक्त इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल  (आईआरपी) के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे।

सुपरनोवा और गोल्फ कंट्री प्रोजेक्ट्स में निवेशकों की चिंता
सुपरटेक रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड नोएडा में उत्तर भारत की सबसे ऊंची रिहायशी इमारत सुपरनोवा का निर्माण कर रही थी। इस परियोजना में घरों की कीमतें 5 करोड़ रुपये से लेकर 20 करोड़ रुपये तक थीं। चार चरणों में विभाजित इस परियोजना के सभी फेज में प्रॉपर्टी खरीदने वाले हज़ारों लोगों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ है। निवेशकों को अब आईआरपी के समक्ष अपने दावे पेश करने होंगे। इसी तरह सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स लिमिटेड गोल्फ कंट्री हाउसिंग प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही थी, जो भी चार चरणों में विभाजित है। इस परियोजना के हज़ारों आवंटियों को  भी अब एनसीएलटी के आदेश के तहत आई.आर.पी. का दरवाज़ा खटखटाना पड़ेगा।

सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा की मुश्किलें
सुपरटेक समूह के चेयरमैन आरके अरोड़ा को करीब एक साल पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। हाल ही में उन्हें ज़मानत पर रिहा किया गया है। आरके अरोड़ा के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, निवेशकों के पैसे का डायवर्जन और मनी लॉन्डरिंग जैसे गंभीर आरोपों में सैकड़ों मुक़दमे चल रहे हैं। एक दशक पहले सुपरटेक कंपनी देश की टॉप तीन रियल एस्टेट कंपनियों में शुमार थी, लेकिन वित्तीय नीतियों की गंभीर गलतियों के कारण आज यह स्थिति उत्पन्न हुई है। 

विशेषज्ञों की राय
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि आरके अरोड़ा और उनके सहयोगियों की गलत वित्तीय नीतियों और निवेशकों के प्रति लापरवाही के कारण सुपरटेक समूह की यह हालत हुई है। समूह का लगातार गिरता हुआ कारोबारी साम्राज्य न केवल उनके लिए बल्कि उनके निवेशकों के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है।

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