नोएडा में कछुआ तस्करी का पर्दाफाश : यमुना से पकड़कर फाइव स्टार होटलों तक पहुंचाने का था प्लान, दो महिलाएं गिरफ्तार

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Oct 24, 2024 23:29

शहर की पुलिस ने कछुआ तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो महिला तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 14 दुर्लभ कछुए बरामद हुए हैं। ये महिलाएं मथुरा की रहने वाली हैं...

Noida News : शहर की पुलिस ने कछुआ तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो महिला तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 14 दुर्लभ कछुए बरामद हुए हैं। ये महिलाएं मथुरा की रहने वाली हैं और यमुना नदी से कछुओं को पकड़कर उन्हें तस्करी के लिए नोएडा तक लाई थीं। इस गिरफ्तारी ने एक चौंकाने वाली सच्चाई का खुलासा किया है- दिल्ली-एनसीआर के फाइव स्टार होटलों में कछुए का मांस और सूप परोसा जाता है।

कछुओं का सूप : अमीरों के लिए खास डिश
वन विभाग और पुलिस के सूत्रों ने खुलासा किया है कि कछुओं का मांस बड़े होटल और रेस्टोरेंट के मेन्यू का हिस्सा बन चुका है। कछुए की दुर्लभ प्रजातियों का सूप एक महंगी और विशेष डिश के रूप में परोसा जाता है, जिसे अमीर वर्ग बड़े चाव से खाता है। इसके अलावा, इन कछुओं के ऊपरी खोल से दवाइयां भी तैयार की जाती हैं, जिनका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है।

उत्तर प्रदेश से पश्चिम बंगाल तक फैला तस्करी का नेटवर्क
यह तस्करी केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए कछुओं को पश्चिम बंगाल में ऊंचे दामों पर बेचा जाना था, जहां कछुए का मांस खाने का शौक काफी आम है। पश्चिम बंगाल में कछुओं की मांग इतनी ज्यादा है कि तस्कर वहां इन्हें महंगे दामों में बेचते हैं।

तस्करों का कबूलनामा और पुलिस की कार्रवाई
गिरफ्तार महिलाओं ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि वे कछुओं को पश्चिम बंगाल में बेचने का प्लान बना रही थीं। फिलहाल, पुलिस ने दोनों महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है। इस मामले में पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या कोई और बड़े रेस्टोरेंट या होटल भी इस गैरकानूनी व्यापार में शामिल हैं।

वन्यजीव संरक्षण पर बड़ा सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से वन्यजीव संरक्षण को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। संरक्षित और दुर्लभ प्रजातियों की तस्करी का यह मामला वन्यजीवों को हो रहे नुकसान की ओर इशारा करता है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की तस्करी न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र को भी गंभीर नुकसान पहुंचाती है। यह गिरफ्तारी वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों के लिए एक अहम कदम है, लेकिन यह घटना इस बात को भी स्पष्ट करती है कि तस्करी का यह नेटवर्क कितना बड़ा और संगठित है।

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