Paytm Crisis : पेटीएम फास्टैग ऐसे करें बंद, नया अकाउंट आसानी से होगा चालू, जानें डिटेल्स

UPT | Paytm FASTag

Feb 15, 2024 19:10

कस्टमर सबसे पहले फास्टैग पेटीएम पोर्टल पर लॉग इन करें। लॉग इन करने के लिए कस्टमर को आईडी और पासवर्ड की...

Short Highlights
  • Paytm Payment के पास वर्तमान समय में 35 करोड़ से अधिक ई-वॉलेट चालू हैं।
  • 29 फरवरी के बाद कोई भी ग्राहक अपने Paytm वॉलेट या पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अकाउंट में कोई भी रकम जोड़ नहीं पाएंगे।
     
National News : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने Paytm द्वारा दिए जा रहे बैंकिंग सेवाओं पर बैन लगाने का आदेश दिया था। जिसके मुताबिक ग्राहक Paytm के अकाउंट, वॉलेट, FASTag जैसी बाकी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। आदेश के मुताबिक 29 फरवरी के बाद कोई भी ग्राहक अपने Paytm वॉलेट या पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अकाउंट में कोई भी रकम जोड़ नहीं पाएंगे।

ऐसे बंद कर सकते हैं फास्टैग अकाउंट
  • कस्टमर सबसे पहले फास्टैग पेटीएम पोर्टल पर लॉग इन करें। लॉग इन करने के लिए कस्टमर को आईडी और पासवर्ड की जरूरत पड़ेगी।
     
  • लॉगिन करने के बाद कस्टमर को अपना फास्टैग नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
     
  • जिसके बाद कस्टमर Paytm के Help & Support पर ऑप्शन जाएं। फिर Need Help With Non-Order Related Queries? पर क्लिक करें।
     
  • इस ऑप्शन के बाद कस्टमर को Want to Close My Fastag ऑप्शन दिखेगा। जिसे सेलेक्ट करें और बताए जा रहे ऑप्शन को क्लिक करें।
    यहां जरूरी बात यह है कि एक बार Paytm FASTag डी-एक्टिवेट होने के बाद, दोबारा उसे एक्टिवेट नहीं किया जा सकता है।

नया फास्टैग अकाउंट कैसे चालू करें
  • अगर कस्टमर किसी दूसरे बैंक में पेटीएम से फास्टैग को पोर्ट करवाना चाहते हैं तो कस्टमर को बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर फोन करना होगा।
     
  • कॉल पर यह जानकारी दें कि आप फास्टैग अकाउंट को बदलना चाहते हैं।
     
  • जिसके बाद कस्टमर  को फास्टैग संबंधी सारी जानकारी देनी होगी।
     
  • सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद कस्टमर का फास्टैग अकाउंट चालू हो जाएगा।
 Paytm Payment Bank पर बैन क्यों लगा ?
बैन की सबसे बड़ी वजह जो बताई जा रही है वह है कि एक ही पैन कार्ड पर 100 या हजार से अधिक ग्राहक इस बैंक से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा Paytm Payment के पास वर्तमान समय में 35 करोड़ से अधिक ई-वॉलेट चालू हैं, जबकि इनमें से 4 करोड़ यूजर्स ही एक्टिव हैं बाकि 34 करोड़ ई-वॉलेट निष्क्रिय हैं। इनमें से कुछ अकाउंट ऐसे हैं जिनकी केवाईसी प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है। इन सबके कारण मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका भी RBI को है।

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