Paytm को बड़ा झटका :  पीपीबीएल के चेयरमैन विजय शेखर शर्मा ने पद छोड़ा, नए बोर्ड का हुआ गठन

UPT | विजय शेखर शर्मा।

Feb 26, 2024 21:54

स्टॉक एक्सचेंज के पास रेग्यूलेटरी फाइलिंग में पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस लिमिटेड ने बताया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने नए सिरे से बोर्ड के पुनर्गठन करने का फैसला किया है।

New Delhi News : पेटीएम पेंमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के को-फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने सोमवार को चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद पीपीबीएल ने अपने निदेशक मंडल का दोबारा गठन किया है। पीपीबीएल के भविष्‍य का कारोबार नया गठित बोर्ड ही देखेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक को नए ग्राहक जोड़ने और कर्ज देने से रोक दिया था। यह प्रतिबंध बैंक के केवाईसी प्रक्रियाओं में गड़बड़ियों के कारण लगाया गया था। पेटीएम पेमेंट्स बैंक 2017 में स्थापित किया गया था। यह भारत के सबसे बड़े डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म में से एक है।

कंपनी ने यह दी जानकारी 
पेटीएम ने सोमवार को जानकारी दी कि विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पार्ट-टाइम नॉन-एक्‍जीक्‍यूटिव चेयरमैन के रूप में पद छोड़ दिया है। सोमवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) ने बताया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन श्रीनिवासन श्रीधर की नियुक्ति के साथ अपने निदेशक मंडल का पुनर्गठन किया है। 

कौन-कौन है बोर्ड में 
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन श्रीनिवासन श्रीधर, रिटॉयर्ड आईएएस देबेंद्रनाथ सारंगी, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अशोक कुमार गर्ग और रिटायर्ड आईएसएस रजनी सेखरी सिब्बल को बोर्ड में शामिल किया गया है। इनके अलावा बोर्ड में पंजाब एंड सिंध बैंक के पूर्व एक्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर अरविंद कुमार जैन पहले से ही स्वतंत्र निदेशक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एमडी और सीईओ सुरिंदर चावला हैं।

क्या बोले श्रीन‍िवासन श्रीधर 
पीपीबीएल के बोर्ड सदस्य के रूप में अपनी नियुक्ति पर श्रीनिवासन श्रीधर ने कहा कि मैं अपनी व्यापक बैंकिंग विशेषज्ञता का इस्‍तेमाल बैंक की अनुपालन सेवाओं की सीमा का विस्तार करने के लिए करूंगा। पीपीबीएल को एक आदर्श बैंक बनाना मेरा लक्ष्य रहेगा। कंपनी ने कहा कि ओसीएल अपने नॉमिनी को हटाकर सिर्फ स्वतंत्र और कार्यकारी निदेशकों वाले बोर्ड को चुनने के पीपीबीएल के कदम का समर्थन करती है। फाइलिंग में इस बात का अलग से जिक्र है कि विजय शेखर शर्मा ने भी इस बदलाव को अमल में लाने के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है।

क्या है पूरा मामला
बता दें कि आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 15 मार्च के बाद उसके परिचालन पर रोक लगा दी थी। इससे पहले आरबीआई ने 31 जनवरी को निर्देश दिया था कि वह 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उपकरणों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद कर दे। आरबीआई ने कहा था कि एक व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की  सत्यापन रिपोर्ट में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड की ओर से दिशा-निर्देशों को नहीं मानने के संकेत मिले हैं।

आरबीआई ने जारी किए थे दिशा-निर्देश
इससे पहले आरबीआई ने शुक्रवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़े कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। आरबीआई द्वारा कहा गया था कि चूंकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक 15 मार्च के बाद अपने ग्राहक खातों और वॉलेट में और क्रेडिट स्वीकार नहीं कर सकता है, इसलिए कुछ अतिरिक्त कदम आवश्यक हो गए हैं। इनमें पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा संचालित '@paytm' हैंडल का उपयोग करके UPI ग्राहकों द्वारा निर्बाध डिजिटल भुगतान सुनिश्चित करना और कई भुगतान एप सेवा प्रदाताओं के साथ UPI सिस्टम में जारी जोखिम को कम करना शामिल है। 

एनपीसीआई को दी सलाह
आरबीआई ने कुछ अतिरिक्त कदम उठाए हैं। आरबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को आरबीआई द्वारा सलाह दी थी कि वह मानदंडों के अनुसार, पेटीएम एप के यूपीआई संचालन को जारी रखने के उद्देश्य से दिए गए आवेदन पर फैसला ले। पेटीएम ने UPI चैनल के लिए तृतीय-पक्ष एप्लिकेशन प्रदाता (TPAP) बनने का आवेदन दिया है। आरबीआई ने एनपीसीआई से वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड के अनुरोध की जांच करने को कहा था। 

आरबीआई ने एनपीसीआई को सलाह दी थी कि वह ओसीएल को टीपीएपी दर्जा प्रदान करने की स्थिति में, यह सुनिश्चित करे कि '@paytm' हैंडलों को पेटीएम पेमेंट्स बैंक से नए पहचाने गए बैंकों के एक समूह में निर्बाध रूप से माइग्रेट किया जाए। आरबीआई ने यह भी कहा था कि उक्त टीपीएपी द्वारा कोई नया उपयोगकर्ता नहीं जोड़ा जाएगा, जब तक कि सभी मौजूदा उपयोगकर्ताओं को संतोषजनक रूप से एक नए हैंडल पर माइग्रेट नहीं किया जाता है। 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि @paytm हैंडल का अन्य बैंकों में निर्बाध प्रवासन के लिए, NPCI 4-5 बैंकों को भुगतान सेवा प्रदाता (PSP) बैंकों के रूप में प्रमाणित करने की सुविधा दे सकता है। आरबीआई के अनुसार पेटीएम क्यूआर कोड का उपयोग करने वाले व्यापारियों के लिए, ओसीएल एक या अधिक पीएसपी बैंकों (पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अलावा) के साथ निपटान खाते खोल सकता है।

जारी किया गया था FAQ
आरबीआई ने यह स्पष्ट किया था कि UPI हैंडल का माइग्रेशन केवल ऐसे ग्राहकों और व्यापारियों पर लागू होता है जिनके पास UPI हैंडल '@Paytm है। जिनके पास '@Paytm के अलावा कोई अन्य यूपीआई हैंडल है, उनके लिए किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय के अनुसार जिन ग्राहकों का अंतर्निहित खाता/वॉलेट वर्तमान में पेटीएम पेमेंट्स बैंक में है, उन्हें सलाह दी जाती है कि 15 मार्च से पहले अन्य बैंकों के साथ वैकल्पिक व्यवस्था करें जैसा कि 16 फरवरी, 2024 को आरबीआई द्वारा जारी FAQ's में पहले ही सलाह दी गई है।

आरबीआई ने दोहराया था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा जारी फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) धारक, किसी भी असुविधा से बचने के लिए 15 मार्च से पहले वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं। आरबीआई ने बताया था कि उपरोक्त सभी कदम ग्राहकों के हित में और भुगतान प्रणाली से जुड़े संभावित व्यवधानों से बचने के लिए उठाए गए हैं।

एक्सिस बैंक में शिफ्ट किया खाता
पेटीएम ब्रांड मालिकाना हक रखने वाली फिनटेक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने अपना नोडल खाता पेटीएम पेमेंट्स बैंक से एक्सिस बैंक में स्थानांतरित कर दिया है। इस कदम से पेटीएम क्यूआर, साउंडबॉक्स, कार्ड मशीन से जुड़ी सेवाएं भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से निर्धारित 15 मार्च की तारीख के बाद भी जारी रह सकेंगी। कंपनी ने एक नियामकीय फाइलिंग में कहा कि उसने अपना नोडल खाता एक्सिस बैंक (एस्क्रो खाता खोलकर) में स्थानांतरित कर दिया है ताकि निर्बाध मर्चेंट सेटलमेंट जारी रखा जा सके।

पूरे घटनाक्रम पर नोएडा के लोगों की नजर
पेटीएम और वन-97 कंपनी नोएडा और उत्तर प्रदेश के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यह उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी है। विजय शेखर शर्मा अलीगढ़ के निवासी हैं। भारत में नोटबंदी और कोविड-19 महामारी के दौरान पेटीएम ने डिजिटल ट्रांजेक्शन में बड़ी भूमिका निभाई है। 

अगस्त 2010 में पेटीएम की स्थापना हुई
पेटीएम की स्थापना अगस्त 2010 में इसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा द्वारा नोएडा, दिल्ली एनसीआर में 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर के शुरुआती निवेश के साथ की गई थी। इसकी शुरुआत प्रीपेड मोबाइल और डीटीएच रिचार्ज प्लेटफॉर्म के रूप में हुई और बाद में 2013 में डेबिट कार्ड, पोस्टपेड मोबाइल और लैंडलाइन बिल भुगतान को जोड़ा गया। अक्टूबर 2011 में सैफायर वेंचर्स ने वन-97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड में 10 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। जनवरी 2014 तक कंपनी ने पेटीएम वॉलेट लॉन्च किया था। जिसे भारतीय रेलवे और उबर ने भुगतान विकल्प के रूप में जोड़ा था। यह ऑनलाइन सौदों और बस टिकटिंग के साथ ई-कॉमर्स में लॉन्च हुआ था। वर्ष 2015 में शिक्षा शुल्क, मेट्रो रिचार्ज, बिजली, गैस और पानी बिल भुगतान शामिल किया गया। पेटीएम का पंजीकृत उपयोगकर्ता आधार अगस्त 2014 में 1.18 करोड़ रुपये से बढ़कर अगस्त 2015 में 10.4 करोड़ रुपये हो गया
 

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