Agra News : जिला अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल, कायाकल्प की टीम के निरीक्षण में खुली कलई... 

UPT | जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान स्टॉफ से जानकारी लेते कायाकल्प टीम के सदस्य।

Jul 15, 2024 19:36

आगरा के जिला अस्पताल के पास इंटरनेशनल लेवल का एसेसरीज मौजूद है। बावजूद इसके, जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। चिकित्सीय अधिकारी एसी रूम से बाहर निकलते नहीं हैं, इसीलिए...

Short Highlights
  • पीकू वार्ड की मेडिकल ट्रे में मिला एक्सपायरी इंजेक्शन।
  • जिला अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ को पहनना नहीं आता मेडिकल ग्लव्ज

 

Agra News : आगरा के जिला अस्पताल के पास इंटरनेशनल लेवल का एसेसरीज मौजूद है। इसके बावजूद जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। चिकित्सीय अधिकारी एसी रूम से बाहर निकलते नहीं हैं, इसीलिए यहां के नर्सिंग स्टॉफ को मेडिकल ग्लब्स तक पहनना नहीं आता। हाथों में कलावा इन्फेक्शन को दावत दे रहे हैं। वार्ड के शौचालय में गंदगी को देखकर निरीक्षण के लिए पहुंची कायाकल्प की टीम के होश उड़ गए। सबसे बड़ा वीक पॉइंट तो जिला अस्पताल के ओटी में निकला। इसकी मेडिकल ट्रे में एक्सपायरी इंजेक्शन मिला। यह सब खामियां जिला अस्पताल की चिकित्सीय सुविधाओं और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने आई कायाकल्प की टीम के निरीक्षण के दौरान मिली।

ओटी में मिला एक्सपायर इंजेक्शन
जिला अस्पताल की ओपीडी का निरीक्षण करने के बाद कायाकल्प की टीम के सदस्य जिला कंसलटेंट फिरोजाबाद डॉक्टर रवीश कुमार ओटी में पहुंचे थे। ओटी में ऑपरेशन से संबंधित चिकित्सीय व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के दौरान डॉ. रवीश को इमरजेंसी ट्रे में एक इंजेक्शन मिला। इस इंजेक्शन को उन्होंने बारीकी से देखा। इस इंजेक्शन का नाम मेटोक्लोप्रामाईड था, लेकिन जब इस इंजेक्शन की एक्सपायरी देखी तो उनके भी होश उड़ गए। यह इंजेक्शन एक्सपायर हो चुका था और पीकू वार्ड में उसकी मौजूदगी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर रहा था। 

नर्सिंग स्टाफ को नहीं आता ग्लव्ज पहनना
ओटी में निरीक्षण करने के बाद कायाकल्प की टीम एसेसर पीआईसीयू वार्ड पहुंची। यहां पर तैनात महिला नर्सिंग स्टाफ से उन्होंने वार्ता की। उनसे मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाने के बारे में पूछा। साथ ही वहां मौजूद दवाइयों की भी जानकारी ली। इसके बाद महिला नर्सिंग स्टाफ से मेडिकल ग्लव्ज पहनने के लिए कहा। एसेसर के कहने पर सिस्टर ने ग्लव्ज पहना, लेकिन वो उनके इस टेस्ट में फेल फैल हो गई। फिर दूसरी सिस्टर से उन्होंने इसके बारे में पूछा तो उन्होंने ग्लव्ज पहनकर बताया। दूसरी सिस्टर कुछ हद तक एसेसर टेस्ट में पास हो गई। लेकिन, कायाकल्प टीम के एसेसर यहां के नर्सिंग स्टाफ से खुश नजर नहीं आई।

मेल और फीमेल वार्ड का निरीक्षण
मेल और फीमेल वार्ड की स्थिति भी कुछ ऐसी ही देखने को मिली। यहां पर भी असेसर ने वार्ड में मौजूद दवाइयों की जानकारी ली। इस दौरान इमरजेंसी फ्री में दवाइयां और इंजेक्शन रखे हुए थे। यहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ से पूछा कि क्या दवाइयां चेक होकर इमरजेंसी ट्रे में रखी जाती हैं। इस पर नर्सिंग स्टाफ ने हां में जवाब दिया, तो फिर ऐसेसर ने उनसे पूछ लिया कि कौन-कौन सी दवाइयां हैं और इनमें से कौन सी सबसे जल्द एक्सपायर होने वाली दवा है। इस पर नर्सिंग स्टॉफ हक्का-बक्का रह गया, लेकिन उनमें से एक सिस्टर ने असेसर के सवालों का जवाब दिया। जिस पर असेसर यह कहकर चल दिए कि सब काम चलाऊ है।

शौचालय में मिली गंदगी 
निरीक्षण के दौरान असेसर को एक वार्ड के शौचालय तो बहुत ज्यादा गंदा मिला। उसकी दीवार और जमीन पर पीक के निशान थे। वहीं शौचालय भी गंदगी व मलमूत्र से भरे हुए थे। उन्होंने शौचालय को साफ करवाने की निर्देश दिए और कहा कि वार्डों के शौचालय इतनी गंदे रहते होंगे तो मरीज का हाल क्या होता होगा। इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल की मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को भी देखा। जिला अस्पताल का मेडिकल वेस्ट एक स्थान पर एकत्रित किया जा रहा था। उस स्थान का निरीक्षण करते हुए उसमें सुधार लाने के निर्देश दिए। 

दवा गोदाम को किया चेक
कायाकल्प की टीम दवा की स्थिति जानने के लिए दवा के स्टोर इंचार्ज के पास पहुंची। यहां पर उन्होंने दवा के रजिस्टर को चेक किया और मौजूद दवाइयां की स्थिति देखी। इसके बाद वे दवा स्टोर रूम में पहुंचे, यहां पर दवाओं की एक्सपायरी डेट न डली होने पर उन्होंने एक्सपायरी डेट डालने के निर्देश दिए, जिससे ये दवाएं जल्द से जल्द मरीजों को मिल सकें और एक्सपायर होने के बाद उन्हें हटाया जा सके।

हाथों में कलावे की रही गूंज
कायाकल्प की टीम के निरीक्षण के दौरान हाथों में कलावे की गूंज पीआईसीयू से लेकर पैथोलॉजी तक सुनाई दी। सिस्टर से लेकर पैथोलॉजी में काम करने वाले कर्मचारी हाथों में कलावा पहने हुए थे। एसेसर ने पूछ लिया कि क्या इस कलावे से इन्फेक्शन नहीं होगा, तो सभी की बोलती बंद हो गई। सभी लोग सफाई देने लगे। एसेसर ने दो टूक कहा कि आप मरीज को ठीक नहीं कर रहे, बल्कि उसे और बीमार कर रहे हैं। अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी धोखा दे रहे हैं। आपके साथ आया इन्फेक्शन आपके परिवार और मरीज दोनों के लिए जानलेवा हो सकता है, इसीलिए इस कलावे को कलाई से खोल देना ही ठीक है।

एसेसर को मिली खामियां
जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद कायाकल्प टीम के डॉक्टर रवीश कुमार ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से कहा कि जिला अस्पताल में कुछ कमियां हैं। जिनकी रिपोर्ट वो अपने उच्च अधिकारी को सौप देंगे, लेकिन फिर भी अस्पताल ठीक चल रहा है। जिला अस्पताल की एसआईसी डॉ. राजेंद्र अरोड़ा का कहना है कि कायाकल्प की टीम चिकित्सकीय सुविधाओं और व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करती है। आज टीम आई है और जिला अस्पताल का निरीक्षण कर रही है।

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