बदलता उत्तर प्रदेश : 10 हजार से ज्यादा महिलाओं को मिला रोजगार, सरकार ने भी कमाए करोड़ों, जानिए क्या है विद्युत सखी योजना

UPT | विद्युत सखी योजना

Sep 07, 2024 14:11

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रामनगर विकास खंड स्थित सिलौटा गांव की विद्युत सखी, राजश्री शुक्ला ने एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने न केवल विद्युत सखी योजना के तहत अपने परिवार की आय में वृद्धि की है...

Barabanki News : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रामनगर विकास खंड स्थित सिलौटा गांव की विद्युत सखी, राजश्री शुक्ला ने एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने न केवल विद्युत सखी योजना के तहत अपने परिवार की आय में वृद्धि की है, बल्कि प्रदेश की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी हैं। राजश्री शुक्ला स्वावलंबी बनकर न केवल अपनी जिंदगी को संवार रही हैं, बल्कि अपने गांव की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। इसके अलावा, वह योगी आदित्यनाथ सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर ग्रामीणों को सशक्त बना रही हैं। उनके इस प्रयास ने न सिर्फ उनके जीवन में बल्कि पूरे गांव में सकारात्मक बदलाव आया है।

घर-घर जाकर बिल जमा कराती हैं राजश्री शुक्ला
राजश्री शुक्ला, बिजली सखी के रूप में कार्य कर रही हैं और घर-घर जाकर ग्रामीणों से बिजली बिल जमा कर रही हैं। इससे न केवल ग्रामीणों का समय बचता है, बल्कि उन्हें लंबी कतारों में खड़े होने की परेशानी से भी राहत मिलती है। पहले ग्रामीणों को अपने बिजली बिल जमा करने के लिए शहर तक जाना पड़ता था और कई बार उन्हें घंटों कतार में लगना पड़ता था, लेकिन अब राजश्री जैसी बिजली सखियों की बदौलत यह काम उनके घर के दरवाजे पर हो जाता है।



कमीशन से बढ़ी आय
राजश्री शुक्ला का कहना है कि उन्होंने जुलाई 2024 में 81,900 रुपये का कमीशन अर्जित किया और प्रदेश की दस सबसे अधिक कमीशन अर्जित करने वाली बिजली सखियों में अपना नाम दर्ज कराया। इससे पहले, वह केवल घर की जिम्मेदारियों में लगी हुई थीं, लेकिन अब विद्युत सखी बनने के बाद उनकी आय में काफी वृद्धि हुई है। आज, वह प्रतिमाह 50,000 रुपये से अधिक की कमाई कर रही हैं। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि उन्हें स्वयं सहायता समूह के जरिए विद्युत सखी बनने का मौका मिला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई इस योजना ने उनके जीवन में बदलाव लाया है।

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में बड़ी पहल
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयास रंग लाने लगे हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि 10,500 से अधिक विद्युत सखियों ने अब तक 1120 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल जमा कर 14.6 करोड़ रुपये का कमीशन अर्जित किया है। इससे न केवल उनका जीवन सुधरा है, बल्कि उनका परिवार भी आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है।

30 हजार से अधिक महिलाओं का चयन
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अब तक 30,000 से अधिक महिलाओं को विद्युत सखी के रूप में चयनित किया गया है, जिनमें से 10,500 महिलाएं पहले से ही पूरे प्रदेश में कार्यरत हैं। ये महिलाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली के मीटर की रीडिंग और बिल जमा करने का काम कर रही हैं। इसके लिए उन्हें विद्युत सखी ऐप प्रदान किया गया है, जिसके माध्यम से वे बिलों का भुगतान करती हैं और अपना कमीशन भी तुरंत प्राप्त कर लेती हैं।

कैसे काम करता है विद्युत सखी ऐप?
विद्युत सखी ऐप के जरिए सखियों को बिजली बिल का भुगतान करने में सुविधा होती है। उन्हें पहली बार ऐप पर 30,000 रुपये का रिचार्ज करना होता है, जिसके लिए सरकार द्वारा 4 प्रतिशत ब्याज पर यह धनराशि दी जाती है। पहली बार रिचार्ज करने के बाद, वे अपने हिसाब से ऐप का उपयोग करके आगे का काम करती हैं और अपने कमीशन के जरिए इसे फिर से रिचार्ज कर सकती हैं। जैसे ही बिल का भुगतान किया जाता है, ऐप के माध्यम से तुरंत कमीशन भी प्राप्त हो जाता है, जिससे उन्हें विद्युत उपकेंद्र तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

हर माह 8 हजार रुपये तक की कमाई
मिशन निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, विद्युत सखियां प्रति माह लगभग 6,000 से 8,000 रुपये तक की कमाई कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 2,000 रुपये तक के बिजली बिल के भुगतान पर सखी को 20 रुपये का कमीशन दिया जाता है, जबकि 2,000 रुपये से अधिक के बिल पर 1 प्रतिशत कमीशन मिलता है। वहीं शहरी क्षेत्रों में 3,000 रुपये तक के बिल पर 12 रुपये और उससे अधिक के बिल पर 0.4 प्रतिशत का कमीशन दिया जाता है।

ग्रामीण समाज में बदलाव की उम्मीद
राजश्री शुक्ला और अन्य विद्युत सखियों के अनुभव बताते हैं कि यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है, बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति को भी सशक्त बना रही है। अब महिलाएं घर के अंदर तक सीमित न रहकर गांव और समाज के विकास में भी अपनी भूमिका निभा रही हैं।

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