Ghaziabad News : दुष्कर्म पीड़ित किशोरी से दुर्व्यवहार करने वाली स्टाफ की मां-बाप ने की पहचान

फ़ाइल फोटो | MMG Hospital

Jun 29, 2024 13:36

जांच टीम के एक सदस्य ने बताया कि जांच पूरी हो चुकी है। जल्द ही रिपोर्ट सीएमएस और सीएमओ को सौंप दी जाएगी।

Short Highlights
  •  मां ने संयुक्त अस्पताल में जांच टीम के सामने कर्मचारी की पहचान की
  • चिकित्सक ने अपना बयान बंद लिफाफे में जांच टीम को सौंपा
  • जांच टीम जल्द ही सीएमएस और सीएमओ को सौंपेगी रिपोर्ट 
Ghaziabad News : गाजियाबाद में दुष्कर्म पीड़िता किशोरी से दुर्व्यवहार के मामले में पुलिस सुरक्षा में मां-बाप ने जांच टीम के सामने बयान दर्ज कराया और मेडिकल जांच के दौरान दुर्व्यवहार करने की आरोपी स्टाफ रोशनी की भी मां ने पहचान की। छात्रा का मेडिकल नहीं करने वाली महिला चिकित्सक ने भी अपना बयान बंद लिफाफे में जांच टीम को सौंप दी है।

बंद कमरे में उन्होंने बयान दर्ज कराया
शुक्रवार को दोपहर 12:30 बजे किशोरी के मां ने संयुक्त अस्पताल के सभागार में टीम के सामने पेश हुई। बंद कमरे में उन्होंने बयान दर्ज कराया। जांच टीम के एक सदस्य ने बताया कि जांच पूरी हो चुकी है। जल्द ही रिपोर्ट सीएमएस और सीएमओ को सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट मिलने के बाद उसके अनुसार दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

जांच शुरू होने से पहले ही वह अवकाश पर चली गई थीं
दुष्कर्म पीड़ित 13 वर्षीय छात्रा के आत्महत्या के मामले में सीएमओ के निर्देश पर संयुक्त अस्पताल में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। समिति में डॉ. एसएन सिंह, डॉ. प्रदीप यादव और मैट्रन मंजू शामिल हैं। पहले एक बाल रोग विशेषज्ञ को शामिल किया था, लेकिन जांच शुरू होने से पहले ही वह अवकाश पर चली गई थीं। जांच सिमित के एक सदस्य ने बताया कि मोदीनगर से महिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था, इसलिए वहां के सीएमस को पत्र भेजकर पुष्टि की गई थी कि किशोरी को महिला अस्पताल ले जाया गया था या नहीं।

मौजूद एक ईएमओ को नोटिस जारी किया
सीएमएस ने पत्र भेजकर अवगत कराया कि उनके अस्पताल में पुलिस किसी भी किशोरी का मेडिकल नहीं कराया था। इसके अलावा उस समय इमरजेंसी में ड्यूटी पर मौजूद एक ईएमओ को नोटिस जारी किया गया। किशोरी के मां-बाप के सामने 19 जून की अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात स्टाफ की परेड करवाई गई। मां-बाप ने छात्रा से दुर्व्यवहार करने वाली महिला स्टाफ की पहचान कर ली। अस्पताल के सीएमएस डॉ. विनोद चंद्र पांडेय ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वन स्पॉट सेंटर में दुष्कर्म पीड़िता को लाने की होगी सिफारिश
समिति के एक सदस्य ने बताया कि दुष्कर्म पीड़ित के मेडिकल और अन्य कानूनी कार्रवाई के लिए वन स्पॉट के लिए सिफारिश की जाएगी। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वन स्पॉट सेंटर की स्थापना किसी भी तरह के अपराध से पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए की गई थी। वहां पर एक ही छत के नीचे सभी तरह की सहायता उन्हें मिल सकती है। कोई भी पीड़ित जब वन स्पॉट सेंटर पहुंचेगी तो स्वास्थ्य विभाग मेडिकल जांच और अन्य सुविधाओं को वहीं उपलब्ध करवाएगा।

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