BAPS Hindu Temple : आम जनता के लिए खुला अबू धाबी का मंदिर, जाने क्या है मंदिर में एंट्री के नियम?

सोशल मीडिया | BAPS Hindu Temple Rules Regulation

Mar 02, 2024 19:02

2 मार्च को आम जनता के लिए इसे खोला गया है, लेकिन इसके साथ ही मंदिर के अधिकारियों द्वारा कुछ आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं...

Short Highlights
  •  2 मार्च को आम जनता के लिए खुला अबू धाबी का मंदिर 
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 108 फीट ऊंचे मंदिर का किया था उद्घाटन
  • वास्तुकला की नागर शैली का अनुसरण से निर्मित मंदिर 
BAPS Hindu Temple : सऊदी अरब की राजधानी अबू धाबी में बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) हिंदू मंदिर, 2 मार्च से जनता के लिए खोल दिया गया है। बता दें मंदिर समिति ने इस से जुड़े कुछ दिशा निर्देश भी दिए हैं। जिसमें आगंतुकों के लिए पसंदीदा कपड़ों, प्रतिबंधों और फोटोग्राफी नियमों के संबंध में कई नियम जारी किए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 108 फीट ऊंचे मंदिर का उद्घाटन किया था 
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्थाएक हिंदू धार्मिक और सामाजिक संगठन है, जिसे बीएपीएस के नाम से जाना जाता है। जिसकी स्थापना हिंदू धर्म के स्वामीनारायण संप्रदाय के आध्यात्मिक नेता शास्त्री जी महाराज ने 1907 में की थी। बीएपीएस लगभग 1,550 मंदिरों का एक वैश्विक नेटवर्क संचालित करता है, जो नई दिल्ली और गुजरात की राजधानी गांधीनगर के प्रतिष्ठित अक्षरधाम मंदिरों से लेकर दुनिया भर के स्वामीनारायण मंदिरों तक फैला हुआ है। बता दें, पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 108 फीट ऊंचे मंदिर का उद्घाटन किया जो संयुक्त अरब अमीरात में हिंदू समुदाय के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। इसके साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया गया। बता दें 14 फरवरी को अबू धाबी में पीएम मोदी द्वारा मंदिर के भव्य अभिषेक समारोह का जश्न कम से कम 5,000 लोगों ने मनाया।

 2 मार्च को आम जनता के लिए खुला अबू धाबी का मंदिर 
बता दें मंदिर के अधिकारियों ने मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया साथ ही पोस्ट में लिखा की प्रतीक्षा समाप्त हुई! अबू धाबी मंदिर अब सभी आगंतुकों और उपासकों के लिए खुला है। यानि की 2 मार्च को आम जनता के लिए इसे खोला गया है, लेकिन इसके साथ ही मंदिर के अधिकारियों द्वारा कुछ आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं जिसमे शामिल है-गर्दन, कोहनी और टखनों के बीच के शरीर के क्षेत्र को ढकें। आपत्तिजनक डिज़ाइन वाली टोपी, टी-शर्ट और अन्य कपड़ों की वस्तुओं पर प्रतिबंध है। पारदर्शी या टाइट-फिटिंग कपड़े न पहनें। ऐसे कपड़ों और सामानों से बचें जो ध्यान भटकाने वाली आवाजें या प्रतिबिंब बनाते हैं। साथ ही वेबसाइट में कहा गया है कि पालतू जानवरों को भी मंदिर परिसर में जाने की अनुमति नहीं है। किसी भी बाहरी भोजन और पेय की अनुमति नहीं है। मंदिर परिसर में ड्रोन की अनुमति नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि "शांत माहौल को बनाए रखने और हमारे परिसर के व्यवस्थित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए" इन दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।

वास्तुकला की नागर शैली का अनुसरण से निर्मित मंदिर 
बात दें यह मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास अबू मुरीका में 27 एकड़ की जगह पर बनाया गया है। मंदिर की लागत लगभग ₹ 700 करोड़ है। वास्तुकला की नागर शैली का अनुसरण करते हुए निर्मित, मंदिर का अग्रभाग सार्वभौमिक मूल्यों, सांस्कृतिक सद्भाव की कहानियों, हिंदू आध्यात्मिक नेताओं और अवतारों को चित्रित करता है।

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