बड़ा फैसला : यूपी रेरा नोटरीकृत शपथ पत्र के बिना आपसी समझौता नहीं करेगा स्वीकार

UPT | उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण।

Feb 20, 2024 23:52

शिकायतों के निपटारे या आदेशों के निष्पादन की कार्यवाही के दौरान प्रमोटर और आवंटी अक्सर आपसी समझौता दाखिल करते हैं और ऐसे समझौतों के आधार पर मामले के निपटान का अनुरोध करते हैं।

Short Highlights
  • प्रमोटर तथा आवंटी के मध्य निष्पादित समझौते 100 रुपये के नॉन-ज्यूडिशियल स्टांप पेपर पर लिखे जाएंगे और नोटराइज्ड होंगे
  • समझौते पर प्रमोटर तथा आवंटी एवं उनके एक-एक गवाह के हस्ताक्षर होंगे। प्रमोटर की ओर से अधिकृत एमडी या सीईओ ही करेंगे हस्ताक्षर 
  • उत्तर प्रदेश रेरा की पीठ तथा कार्यालय में समझौते के सत्यापन के पश्चात ही समझौता मान्य होगा
     
Lucknow/Gautambudh Nagar News : उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने विवादों के निपटान के लिए इसे अधिक प्रभावी और विश्वसनीय साधन बनाने के लिए आपसी निपटान के निष्पादन के तरीके को निर्धारित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उसने 2 फरवरी 2024 को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।

शिकायतों के निपटारे या आदेशों के निष्पादन की कार्यवाही के दौरान प्रमोटर और आवंटी अक्सर आपसी समझौता दाखिल करते हैं और ऐसे समझौतों के आधार पर मामले के निपटान का अनुरोध करते हैं। रेरा ने देखा है कि पार्टियां निपटान के निष्पादन के लिए स्थापित मानदंडों का पालन नहीं करती हैं और कुछ मामलों में पार्टियों ने बाद के चरण में ऐसे निपटान से इनकार भी किया है। ऐसे में ऐसी गाइडलाइन की जरूरत पड़ी। 

उत्तर प्रदेश रेरा द्वारा यह अनिवार्य कर दिया गया है कि यदि प्रमोटर तथा आवंटी द्वारा आपसी समझौते के माध्यम से विवाद के समाधान का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है, तो इस प्रकार का समझौता 100 रुपये के नॉन-ज्यूडिशियल स्टांप पेपर पर लिखा जाएगा। समझौता नोटराइज्ड होगा, इस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर होंगे। साथ ही उनके एक-एक गवाह के हस्ताक्षर होंगे। प्रमोटर की ओर से उनके किसी डायरेक्टर या किसी अधिकृत वरिष्ठ अधिकारी जैसे कि एमडी या सीईओ द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। समझौता विधि सम्मत हो तथा दोनों पक्षों की स्वतंत्र सहमति के आधार पर होगी। साथ ही समझौते की शर्तें स्पष्ट रूप से लिखी गयी हो।

यूपी रेरा की पीठों द्वारा प्रमोटर तथा आवंटी के मध्य समझौते का सत्यापन किया जाएगा और यदि उनमें से एक पक्ष उपस्थित होकर सत्यापन नहीं करता है तो उनसे ई-मेल पर सत्यापन कराया जाएगा। निर्धारित अवधि में कोई उत्तर न प्राप्त होने पर समझौते पर संबंधित पक्षकार की सहमति मानते हुए आगे की कार्यवाही की जाएगी।

रेरा में आदेश के कार्यान्वयन के दौरान प्रमोटर द्वारा प्रस्तुत समझौते को रेरा के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और शिकायतकर्ता को ई-मेल भेजकर उनसे समझौते की पुष्टि कराई जाएगी। उनकी पुष्टि प्राप्त होने पर या निर्धारित अवधि में कोई उत्तर न प्राप्त होने पर समझौते को स्वीकार करते हुए आगे की कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में उत्तर प्रदेश रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि शपथ-पत्र से पोषित तथा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार निष्पादित समझौते दोनों ही पक्षकारों के हित में हैं तथा भविष्य में रेरा में या किसी अन्य फोरम पर उनके द्वारा समझौते से इनकार नहीं किया जा सकेगा। ऐसे समझौते विवादों के स्थायी समाधान में सहायक होंगे। 
 

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