उपचुनाव में कांग्रेस ने चार सीटों पर ठोका दावा : दो सीटें देने पर अड़ी सपा, इंडिया गठबंधन ने मारी बाजी तो बदल सकती है यूपी की तस्वीर

UPT | राहुल गांधी और अखिलेश यादव।

Jul 18, 2024 01:02

उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिसमें इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं, कांग्रेस पार्टी भी उपचुनाव को लेकर सक्रियता दिखा रही है। कांग्रेस पार्टी ने चार सीटों पर अपना दावा ठोका है। लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है।

UP News : यूपी में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उपचुनावों में बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच बड़ा ही रोचक मुकाबला होने वाला है। सबसे खास बात है कि बीजेपी उपचुनाव में 10 में से 10 सीटें जीतने का दावा कर रही है। वहीं, इंडिया गठबंधन के लिए यह राह कितनी आसान होगी, यह आने वाला समय बताएगा।

कांग्रेस ने सपा पर अभी से दबाव बनाना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव में झटका मिलने के बाद पूरा दारोमदार योगी सरकार पर टिका हुआ है। यदि बीजेपी को सफलता मिलती है, तो सभी अटकलों पर विराम लग जाएगा। यदि इंडिया गठबंधन के हाथ जीत लगती है, तो विरोधियों के स्वर उठने लगेंगे। इसके साथ ही यूपी की तस्वीर भी बदल सकती है।

चार सीट देने के लिए राजी नहीं है सपा
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी से चार सीटों की मांग कर रही है। जिसमें मंझवा, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी सीट शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक सपा किसी भी कीमत पर कांग्रेस को चार सीट देने को तैयार नहीं है। इंडिया गठबंधन में खास तौर पर अपनी सीटों पर सपा के लिए राह आसान दिखाई दे रही है। मैनपुरी की कहरल सीट पर भी उपचुनाव होना है। सपा इस सीट पर काफी मजबूत स्थिति में है। करहल सीट सपा मुखिया अखिलेश यादव के छोड़ने पर खाली हुई थी।

सपा के मजबूत किले
मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से जियाउर्रहमान बर्क विधायक थे। लेकिन अब वह सांसद बन चुके हैं। यह मुस्लिम बाहुल सीट है, और बीजेपी के लिए जीतना आसान नहीं है। कानपुर की सीसामऊ सीट भी सपा के पास है। इस पर पिछले कई दशकों से सपा के प्रत्याशी चुनाव जीत रहे हैं। इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा सुनाए जाने के बाद खाली हुई है। सीसामऊ सीट भी सपा का मजबूत किला है।

इन सीटों पर सपा की नजर
अम्बेडकर नगर से सपा के राष्ट्रीय महासचिव लालजी वर्मा सांसद बने हैं। यहां की कटेहरी सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। इस सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ भी कहा जाता है। इसी तरह की चर्चा फैजाबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाली मिल्कीपुर विधानसभा पर भी नजर है। इस सीट से सपा अवधेश प्रसाद के बेटे को टिकट देने पर विचार कर रही है।

बीजेपी को यहां मिल सकती है सफलता
वहीं, बीजेपी की बात की जाए तो फूलपुर, गाजियाबाद, खैर और मंझवा सीट पर लड़ाई आसान रहेगी। मुजफ्फरपुर मीरापुर सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है। अपनी—अपनी सीटों पर दोनों खेमें मजबूत दिख रहे हैं। उपुचनाव में मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प होने की उम्मीद है। वहीं, कांग्रेस और सपा के बीच सीटों को लेकर किस तरह से समझौता होता है, यह भी देखने वाली बात होगी।

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