वाराणसी पहुंचा ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाला शिप : 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था, जानिए कितना होगा इसके सफर का किराया

UPT | वाराणसी पहुंचा ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाला शिप

Jul 15, 2024 14:19

ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाला देश का पहला जलयान वाराणसी पहुंच चुका है। कोच्चि शिपयार्ड से जल मार्ग के रास्ते रवाना हुआ ये जहाज रविवार की देर शाम नमो घाट पर पहुंचा।

Short Highlights
  • वाराणसी पहुंचा हाइड्रोजन से चलने वाला शिप
  • शिप में बैठ सकते हैं 50 लोग
  • इलेक्ट्रिक इंजन की भी है व्यवस्था
Varanasi News : ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाला देश का पहला जलयान वाराणसी पहुंच चुका है। कोच्चि शिपयार्ड से जल मार्ग के रास्ते रवाना हुआ ये जहाज रविवार की देर शाम नमो घाट पर पहुंचा। पर्यटन विभाग की निगरानी में इसे रामनगर मल्टी-मॉडल टर्मिनल राल्हूपुर ​​​​​​में खड़ा किया गया। इसके पहले इंडियन वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने टर्मिनल का निरीक्षण किया था।

शिप में बैठ सकते हैं 50 लोग
हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने वाले इस शिप में 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसे बनाने में 10 करोड़ रुपये की लागत आई है। 20 टन वजनी इस शिप की लंबाई 28 मीटर और चौड़ाई 5.80 मीटर है। इसकी गति 20-25 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह डबल डेकर कैटामरान पर्यटक जलयान जून के अंतिम सप्ताह में कोलकाता से चला था। रास्ते में कई जगह पर पानी काफी कम था, इस कारण इसे वाराणसी तक पहुंचने में अधिक समय लगा। शिप में अभी सजावट-लाइटिंग आदि का काम किया जाना है।

वाराणसी से मिर्जापुर तक जाएगा शिप
यह शिप पर्यटन विभाग द्वारा वाराणसी से मिर्जापुर के चुनार के बीच चलाया जाएगा। ये दूरी करीब 15 किलोमीटर की है। नमो घाट से शुरू होने वाली इस यात्रा की टाइमिंग सुबह 9 बजे से शाम पांच बजे तक है। इसके लिए प्रति व्यक्ति 2500 रुपये का किराया निर्धारित किया गया है। हालांकि अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। पर्यटकों को चुनार के किले के लिए गाइड भी मिलेगा। इसके अलावा शिप में लाइव म्यूजिक, ब्रेकफास्ट, लंच और इवनिंग स्नेक्स भी मिलेगा। फिलहाल इसका ट्रायल अगले 6 महीने तक कोच्चि शिपयार्ड ही करेगा। वही अपने स्तर से हाइड्रोजन गैस की व्यवस्था करेगा।

इलेक्ट्रिक इंजन की भी है व्यवस्था
वैसे तो शिप को पूरी तरह से हाइड्रोजन फ्यूल पर चलाए जाने की व्यवस्था है। लेकिन हाइड्रोजन खत्म होने या कुछ खराबी आने की स्थिति में इसे चलाने के लिए इलेक्ट्रिक इंजन भी लगाया गया है। इसमें 50 किलोवाट को फ्यूल सेल है,  जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का यूज करके बिजली बनाता है। इंडियन वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया रामनगर में अस्थायी हाइड्रोजन प्लांट भी स्थापित कर रहा है, जिससे करीब 1500 किलो गैस प्रतिदिन उत्पादित की जाएगी। अभी मथुरा और अयोध्या को एक-एक और इलेक्ट्रिक कैटामरान मिलेंगे।

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